‘कोटा फैक्ट्री 3’ का ट्रेलर आउट..नई कहानी और जुनून के साथ ट्रेलर में हैं दम…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- हिट सीरीज कोटा फैक्ट्री का तीसरा सीजन 9 दिन बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दस्तक देने वाला है। रिलीज डेट की अनाउंसमेंट के बाद अब जीतेंद्र कुमार स्टारर कोटा फैक्ट्री का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। जीतू भैया जोश के साथ छात्रों को IIT भेजने की तैयारी में दिखे लेकिन नये पहलू के साथ। देखें ट्रेलर।
देश में जेईई (JEE) और नीट (NEET) सबसे मुश्किल तैयारियों में से एक है। लाखों बच्चे कोटा (राजस्थान में स्थित) जाकर जेईई और नीट की तैयारियां करते हैं। IIT में जाने के लिए बच्चे दिन-रात पढ़ाई करते हैं जो कुछ पास होते हैं और कुछ फेल। ‘कोटा फैक्ट्री’ आईआईटी जाने की तैयारी कर रहे छात्रों पर आधारित वेब सीरीज है।
साल 2019 में आया ‘कोटा फैक्ट्री’ का पहला सीजन जबरदस्त हिट हुआ था। दर्शकों ने खुद को सीरीज से रिलेट किया था। फिर दूसरे सीजन ने भी आग लगा दी थी। अब तीसरे सीजन को लेकर क्रेज बना हुआ है। कुछ दिन पहले ‘कोटा फैक्ट्री 3’ की रिलीज डेट का एलान किया गया। अब ट्रेलर भी आउट हो गया है।
कोटा फैक्टी 3 का ट्रेलर आउट
‘कोटा फैक्ट्री’ के तीसरे सीजन में जीतू भैया (जीतेंद्र कुमार) जेईई की सिलेक्शन को ही नहीं, बल्कि तैयारी को भी सेलिब्रेट करेंगे। ‘तैयारी ही जीत है…’ से शुरू होने वाला ट्रेलर लोगों के मन में जोश भरने के लिए काफी है। जीतू कोटा के बेस्ट टीचर हैं, जो स्टूडेंट्स के बीच ‘जीतू भैया’ से मशहूर हैं।
जीतू सर नहीं संभाल पाएंगे जिम्मेदारी
जब उनसे पूछा जाता है, “जीतू भैया क्यों? जीतू सर क्यों नहीं?” तब जीतेंद्र कोटा में आने वाले छात्रों के मेंटल स्टेट के बारे में बताते हैं। वह कहते हैं कि वह जेईई अभ्यर्थी ही नहीं हैं, बल्कि वे 15-16 साल के बच्चे हैं। उनमें दुनियाभर की इनसिक्योरिटी है। अगर टीचर डांट दे तो बुरा मान जाते हैं। दोस्त ने कुछ कहा तो वह उनको बुरा लग जाता है। ये बच्चे हर चीज को सीरियसली लेते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जिम्मेदारी लेना बहुत बड़ी बात है जो ‘जीतू सर’ नहीं संभाल पाएंगे।
फिलॉसफी पर अटके जीतू भैया
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को लेकर स्टूडेंट्स के बीच गुस्सा, DPP (डेली प्रैक्टिस प्रॉब्लम) न करने की समस्या, टेस्ट सीरीज की टेंशन, रेंक का प्रेशर…, बच्चों को तराशने वाला कोटा अब फैक्ट्री बन गई है। हर फैक्ट्री में रेस लगी है। हर किसी को रैंक से मतलब है, लेकिन यह जीतू भैया की फिलॉसफी नहीं है। उन्हें छात्रों से मतलब है, ना कि रैंक से। आखिरी में एक लाइन है, “सपना नहीं, लक्ष्य बोलो। सपना देखा जाता है और लक्ष्य अचीव किया जाता है।” सीरीज 20 जून को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी।