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शीर्षक : कोरोना पार्ट 3 ।।

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अरे ! तुम फिर से आ गए
कैलेंडर पर छा गए
अब तो बख्श दो श्रीमान
ले चुके हो बहुतों की जान
तू है बिल्कुल नटवरलाल
चलता है बस….टेढ़ी चाल
बोल……क्या है तेरी मंशा
क्या…… बचा रहेगा इंसा
इंसानों की इंसानों से दूरी
क्यूं पैदा की ऐसी मजबूरी
बहुत मंदी सी……छाई है
बढ़ती जा रही..महंगाई है
अपराध का है..बोलबाला
जॉब का निकला दिवाला
नहीं देना अब ऐसी सजा
गतिशीलता ही में है मजा
सब स्वस्थ रहें….मस्त रहें
अपने रूटीन में व्यस्त रहें
यूं सुस्त बैठना..नहीं जमा
कृपा करें,हे उमापति रमा

© मनीष सिंह “वंदन”
आई टाइप, आदित्यपुर
जमशेदपुर, झारखंड

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