छोटे से बीज में दूध से भी ज्यादा कैल्शियम, हड्डियों को बना देगा फौलादी; कैंसर से बचाव में उपयोगी…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- जब भी कैल्शियम की बात आती है तो सबसे पहले दूध का नाम आता है. आज हम ऐसे बीज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें दूध से ज्यादा कैल्शियम होता है।
हमारे शरीर में कैल्शियम का बहुत ज्यादा महत्व है. कैल्शियम हड्डियों और दांतों के लिए बेहद फायदेमंद है, मगर जब भी कैल्शियम की बात आती है तो सबसे पहले दूध का नाम आता है.आज हम ऐसे बीज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें दूध से ज्यादा कैल्शियम होता है. हम बात कर रहे है तिल की, जो सेहत के लिए कई रूप में फायदेमंद है. आइए इस रिपोर्ट में हम जानते हैं कि इसका उपयोग कैसे करें।
आयुर्वेद के जानकार पुरुषार्थी पवन आर्य ने बताया कि तिल एक गुणकारी औषधि है, जो कई बीमारी से बचाव में हमारी मदद करता है. इसके साथ ये हमारी हड्डियों को भी मजबूत करता है. ठंड के मौसम में इसका ज्यादा इस्तेमाल होता है, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है. तिल में कैल्शियम, मैग्नेशियम, कार्बोहाइड्रेड, समेत बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये हड्डियों को मजबूत करने सूजन कम करने, दिल से जुड़ी बीमारियों और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. इसके अलग-अलग तरीके से प्रयोग कर सकते हैं. जिसके अनेकों लाभ हैं. तिल के लड्डू बनाकर आप सेवन कर सकते हैं, जो गुड़ से मिलाकर बना सकते हैं. इसमें पोषक तत्व बढ़ जाते हैं. इसके अलावा इसके पानी को रूटीन में शामिल करने से फायदा मिलेगा।
सुबह-सुबह खाली पेट करें ऐसे सेवनउन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में इसका इस्तेमाल सावधानी से करें, क्योंकि इसकी तासीर गर्म रहती है. जिसे अगर गर्मी के दिन में ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो शरीर में गर्मी बढ़ सकती है. इसके साथ साथ बेचैनी भी हो सकती है. वहीं तिल के पानी को सुबह सुबह खाली पेट सेवन करें तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है. इससे पाचन अच्छा होता है, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है. हाई फाइबर के कारण पाचन, कब्ज और आंतों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है. आप एक चम्मच तिल को रात भर पानी में छोड़ दें. इसके बाद अगली दिन सुबह खाली पेट पानी को छानकर पी जाएं।
सांस की बीमारी भी होगी दूर
तिल के इस्तेमाल से सांस की बीमारी भी दूर होती है, क्योंकि इसमें मौजूद मैग्नेशियम स्वास नली और ऐंठन से बचाता है और अस्थमा और अन्य बीमारियों को रोकने में मदद करता है. इसके साथ साथ डायबिटीज से लड़ने में भी मदद करता है. उन्होंने बताया कि इसके तेल का उपयोग कर ब्लड प्रेशर और प्लाजमा ग्लूकोस को कम किया जा सकता है. वहीं तिल में मौजूद जिंक हड्डी को मजबूत करते हैं और कैल्शियम हड्डियों को हेल्दी रखने में मदद करता है।
तिल में कैंसर रोधी गुण
तिल में कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते हैं. इसमें पाए जाने वाले मैग्नेशियम, फाइटेट में कैंसर रोधी पदार्थ पाया जाता है. इसके इस्तेमाल से कोलोरेक्टल ट्यूमर को कम करने की संभावना बढ़ जाती है. इसमें कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में मदद करने वाली चीजें मौजूद होती हैं।