सरकारी डॉक्टरों के अदम्य साहस ने बचाई कोरोना पॉजिटिव गर्भवती की जान, जुड़वा बच्चे को दिया जन्म

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पाकुड़ :- डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। क्योंकि डॉक्टर ही ऐसा शख्स है, जो किसी को मौत के मुंह में जाने से बचा सकता है। तिल-तिल मरते किसी इंसान को जिंदगी दे सकता है और खोई हुई उम्मीदों को उत्साह दे सकता है। इसका जीता जागता सबूत शनिवार को पाकुड़ के सोनाजोड़ी सदर अस्पताल में देखने को मिला। अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने अपने स्वास्थ्य की बगैर चिंता किए कोरोना पॉजिटिव एक गर्भवती का सफल ऑपरेशन किया। महिला से जुड़वा बच्चा भी हुआ। टीम में सर्जन डॉ. शंकर लाल मुर्मू, डॉ. डोमिनिका मरांडी एवं मुर्छक डॉ. जितेंद्र कुमार शामिल थे। दरअसल जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड की पहाड़िया जनजाति की एक महिला को प्रसव पीड़ा उठने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। वह कोरोना पॉजिटिव मरीज भी थी। ऐसे में महिला का ऑपरेशन खतरे से खाली नहीं था। महिला की स्थिति को लेकर बताया जाता है कि अगर सही समय पर ऑपरेशन नहीं होती तो उसकी जान भी जा सकती थी। ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों की टीम तो मौजूद थी। लेकिन कोरोना पॉजिटिव उस महिला का ऑपरेशन से डॉक्टरों के स्वास्थ्य लिए भी खतरा हो सकता था। लेकिन डॉक्टरों ने अपनी जान या स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर ऑपरेशन के लिए तैयार हो गई। यहां एक अहम बात यह भी है कि डॉक्टरों की टीम में एक महिला डॉक्टर भी शामिल थी, जो पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ही कोरोना पॉजिटिव मरीज के ऑपरेशन के दौरान खुद भी कोरोना से संक्रमित हो गई थी। जिस वजह से महिला डॉक्टर को इलाज के लिए 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन ही होना पड़ा था। लेकिन इन सबके बावजूद ऑपरेशन के लिए तैयार हो गई। पूरी टीम ने महिला का सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में महिला को जुड़वा बच्चा हुआ। इस सफल ऑपरेशन में जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ है। डॉक्टरों की टीम महिला और बच्चों की देखरेख में लगी हैं। इधर यह मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई टीम में शामिल डॉक्टरों के अदम्य साहस और सफल ऑपरेशन की सराहना कर रहे हैं।

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