हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भैया दूज का पर्व
दावथ (रोहतास ): प्रखंड भर में गुरुवार को भैया दूज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर व मीठा खिलाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। वहीं भाइयों ने भी अपनी बहनों की रक्षा के संकल्प के साथ उन्हें उपहार दिए।
इस दिन यह मान्यता है कि सूर्य की पत्नी संज्ञा से दो संतानें थीं। एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर सकी और छायामूर्ति का निर्माण करके अपने पुत्र और पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई। छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था, लेकिन यमराज और यमुना में बहुत प्रेम था। यमराज अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते थे। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए उनसे मिलने पहुंचे। भाई को देख यमुना बहुत खुश हुई। बहन का प्यार देखकर यम इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे उपहार भेंट दिए। यम जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुनकर कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। इसी के बाद हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।