शुरू हुआ संवाद का आठवां संस्करण
टाटा स्टील फाउंडेशन का यह अनूठा मंच मनाता है आदिवासियत का जश्न,इस साल 25 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा
जमशेदपुर (संवाददाता ):- टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाने वाला अपने प्रकार का अनूठा अखिल भारतीय आदिवासी सम्मेलन ‘संवाद’ डिजिटल और लाइव प्लेटफॉर्म पर आज से आरंभ हो गया। भारत के सर्वाधिक पूज्यनीय आदिवासी नायक भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि के साथ सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। बिरसा टोप्नो, परोम टोप्नो, पहड़ा राजा, दशमत हांसदा, तोरोप परगना, जुगसलाई, गणेश पाटपिंगुआ, मानकी व अध्यक्ष, मुंडा मानकी संघ, उत्तम सिंह सरदार, हातु मुंडा, रेजान गुरिया, संयोजक, 22 मुंडा पहड़ा प्रणाली, सुदर्शन भूमिज, भूमिज समुदाय के वरिष्ठ सदस्य, रामेश्वर सिंह कुंटिया, सचिव, मुंडा मानकी संघ, और अवनीश गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट, टीक्यूएम ऐंड इंजीनियरिंग ऐंड प्रोजेक्ट्स, टाटा स्टील ने औपचारिक रूप से सम्मलेन के शुरूआत की घोषणा की।संवाद-2021 में भारत के 25 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों से 87 समुदायों के 4000 से अधिक महिला, पुरुष और बच्चे ब्रिजिटल फॉर्मेट में संवाद के लिए लॉगइन करेंगे, जबकि पूरे देश से 187 प्रख्यात आदिवासी कलाकार, देसी खानसामे, वैद्य, सांस्कृतिक पुरोधा और नेतृत्वकर्ता व्यक्तिगत रूप से इस मंच पर मौजूद रहेंगे।टी वी नरेंद्रन, सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर, टाटा स्टील सह चेयरमैन, टाटा स्टील फाउंडेशन और चाणक्य चौधरी, वाइस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील सह डायरेक्टर, टाटा स्टील फाउंडेशन ने भी इवेंट में वर्चुअली लॉग इन किया और इवेंट के प्रतिभागियों का बधाई दी। सौरव राय, चीफ, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी, टाटा स्टील इवेंट के दौरान आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इस उद्घाटन समारोह को पूरे भारत में विस्तृत संवाद परिवार के द्वारा 110 स्थानों पर प्रदर्शित किया गया।इस वर्ष संवाद का थीम ‘रिइमेजिन’ है, जो इस बात पर गहन, धैर्ययुक्त और प्रतिनिधिक अन्वेषण करेगा कि जनजातीय समुदाय के लिए इस ‘रिइमेजिनेशन’ यानी पुनर्कल्पणा का क्या अर्थ है।आज जमशेदपुर के सोनारी में स्थित ट्राइबल कल्चर सेंटर में विभिन्न आदिवासी समूहों द्वारा लाइव परफार्मेंस दिया गया। इसमें आदिवासी रोमोज अखरा द्वारा एक प्रार्थना गीत, भूमिज समुदाय द्वारा फिरकल नाच, उरांव समुदाय द्वारा करसा नाच और मयूरभंज छऊ के माध्यम से बिरसा मुंडा की जीवनवृत्तांत आदि शामिल थे। 11 नगाड़ों की थाप ने पूरे माहौल को रोमांचित कर दिया और आदिवासी संस्कृति एवं विरासत ने दर्शकों का मनमोह लिया।अगले चार दिनों में आदिवासी महिलाओं और पुरुषों के बीच विचारों का ऑनलाइन आदान-प्रदान होगा और विभिन्न आदिवासी समुदायों की जीवंत संस्कृतियों का जश्न मनेगा।
12 राज्यों से 17 आदिवासी समुदायों से सूचीबद्ध किये गये कुल 17 आवेदकों में से संवाद के 10 फेलो का चयन करने के लिए क्यूरेटेड वर्कशॉप का आयोजन होगा। एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल के नेतृत्व में वे अंतिम चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। अंतिम चयनित ‘संवाद फेलो’ के नाम 19 नवंबर को घोषित किये जायेंगे।सात राज्यों के 8 आदिवासी समुदायों से 25 कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। 12 कला-रूपों का प्रतिनिधित्व करते हुए ये आर्ट रेसीडेंसी में एक साथ जुट रहे हैं, जहां वे 8 भव्य कैनवासों पर संवाद को परिभाषित करेंगे। इसके अलावा, 11 राज्यों से 21 आदिवासी समुदायों के 180 वैद्य ‘नेशनल ट्राइबल हीलर्स एसोसिएशन’ के गठन और स्वास्थ्य प्रणालियों को फिर से रेखांकित करने के लिए एक संशोधित आदेश पर विमर्श करेंगे।यही नहीं, ‘समुदाय के साथ’ नामक कार्यक्रम में आदिवासियों से संबंधित विषयों पर फिल्में दिखायी जायेगी। पूरे भारत से 1500 स्कूली बच्चे सर्वश्रेष्ठ जनजातीय संस्कृति, बुद्धिमत्ता और जीवन जीने के तरीके पर चर्चा के लिए सिनेमा-संचालित किस्सागोई सत्रों में हिस्सा लेंगे। इसमें जमशेदपुर में भौतिक रूप से फिल्मों की प्रदर्शनी और ‘संवाद यूट्यूब चैनल पर ऑनलाइन शो शामिल होंगे। हर शाम हो देश के विभिन्न हिस्सों से आदिवासी समुदायों के द्वारा कई प्रस्तुतियां होगी, जिन्हें यूट्यूब चैनल (https://www.youtube.com/channel/UCtyIjTKJAYEaMH3BkcHRVzw) पर दिखाया जायेगा। इस सूची में सोफियम और पर्पल फ्यूजन जैसे लोकप्रिय आदिवासी बैंड आदि शामिल हैं।