ईलाज के अभाव में टीबी के मरीज की मौत, टीबी मरीजों का चल रहा है सर्वे
आनंदपुर:बुधवार दोपहर को गंभीर हालत में टीबी मरीज़ को मनोहरपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहाँ स्थानीय चिकित्सकों ने गंभीर टीबी मरीज़ का प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए राउरकेला रेफ़र कर दिया। 108 एंबुलेंस से राउरकेला ले जाने के दौरान रास्ता में ही उसकी मौत हो गई। मृतक 32 वर्षीय सुरेन गोप मनोहरपुर प्रखंड के सुदूरवर्ती सारंडा के लाईलोर पंचायत के खपरा टोला का निवासी था। मृतक की पत्नी ने बताया कि उसका पति तीन साल से टीबी बीमार से ग्रसित था।उसका राउरकेला से इलाज चल रहा था। और वो पुरी तरह से ठीक भी हो गया था। लेकिन ख़ान-पान की लापारवाही से इधर उनकी तबियत फिर से बिगड़ गया था। उसे बुधवार की दोपहर में मनोहरपुर सीएचसी अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां स्थानीय चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया था। राउरकेला ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। बताते चले कि मनोहरपुर प्रखंड भर में टीबी मरिजों की खोज के लिए 14 से 30 जून तक डोर टू डोर अभियान चलाया जा रहा है। तथा उनका उपचार सरकारी अस्पतालों में निशुल्क करने के बारे जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद क्षेत्र के लोग जागरूकता के अभाव में इसका लाभ नहीं उठा पाना भारी लापरवाही को दर्शाता है। टीबी मरीज के मौत के बात ग्रामीणो ने कहा कि इन दिनों मानोहपुर अस्पताल भी रेफरल अस्पताल बन गया है। मामूली पेट दर्द में भी मरीजो को राउरकेला रेफर कर दिया जाता है। एसे प्रस्तिथि में लोगो का मरना तय है। और ये सब उच्च अधिकारियों को नजर नही पड़ता है।