टाटा स्टील ने कच्चे माल के आयात के लिए पहली बार बायो-इंधन से चलने वाले जहाज का उपयोग किया
परिवहन के लिए बायो-इंधन वाले मालवाहक जहाज का उपयोग करने वाली पहली भारतीय स्टील कंपनी बनी
कोलकाता (संवाददाता ):- 6 दिसंबर, 2021 : समुद्री व्यापार में स्कोप 3 ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (जीएचजी) को कम करने को लेकर अपने सस्टेनेबिलिटी के उद्देश्यों व पहलकदमियों के अनुरूप, टाटा स्टील ने बायो-इंधन संचालित एक मालवाहक पानी जहाज को तैनात किया है। फ्रंटियर स्काई नामक इस मालवाहक जहाज का मालिक ‘एनवाईके’ कंपनी है और इसे ‘टाटा एनवाईके शिपिंग पीटीई लिमिटेड’ द्वारा संचालित किया जाता है। इसने टाटा स्टील द्वारा प्रदत्त माल के परिवहन के लिए बायो-इंधन के इस्तेमाल का परीक्षण (ट्रायल) सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस यात्रा में ऑस्ट्रेलिया के ग्लैडस्टोन से 1,60,000 टन कोयला भारत के धामरा तक परिवहन किया गया।टाटा स्टील के उद्देश्य की तरह ही एनवाईके का भी उद्देश्य समुद्री परिवहन में स्कोप 3 उत्सर्जन को कम करना है, जो बायो-इंधन उपयोग के अपने दूसरे सफल परीक्षण के दौरान ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी के साथ-साथ जहाज के सुरक्षित परिचालन को सत्यापित करना चाहती थी। पूरी समुद्री यात्रा के दौरान टाटा एनवाईके ने परिचालन संबंधी जानकारी के साथ-साथ व्यापक सहायता प्रदान की। इस परीक्षण यात्रा से प्राप्त ज्ञान को तीन कंपनियों के बीच साझा किया जायेगा और फिर ये डिकार्बोनाइजेशन की दिशा में सहयोग को आगे बढ़ायेंगे। बायो-इंधन कार्बन-न्यूट्रल होते हैं, क्योंकि बायोमास के स्रोत द्वारा अवशोषित कार्बन डायऑक्साइड, इंधन के जलने से उत्पन्न कार्बन डायऑक्साइड के बराबर होता है। उम्मीद है कि बायो-इंधन के इस्तेमाल से पारंपरिक बंकरों की तुलना में जीएचजी उत्सर्जन में 9 प्रतिशत की कमी आयेगी।
पीयूष गुप्ता, वाइस प्रसिडेंट, सप्लाई चेन, टाटा स्टील ने इस उपलब्धि पर कहा, ’’ट्रायल के प्रोत्साहन देने वाले नतीजे हमारे इरादे की पुष्टि करते हैं, जिसके साथ हम तीनों पार्टनर ने अपने परिचालनों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कोलैबरेशन किया है। स्कोप 3 उत्सर्जन के समाधान के लिए इस मुहिम में शामिल सभी पक्षों के नवाचार और सहभागिता के माध्यम से ही इस मुद्दे का हल किया जा सकता है।’’रंजन सिन्हा, चीफ ग्रुप शिपिंग ऐंड डायरेक्टर रॉ मैटेरियल प्रोक्योरमेंट, टाटा स्टील ने कहा, ’’वैकल्पिक इंधन के लिए ’प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट’ स्थापित करना शिपिंग में हमारे सस्टेनेबिलिटी प्रयासों को आगे बढ़ाने की दिशा में पहला कदम है। इस पथप्रदर्शक परीक्षण पर टाटा एनवाईके के साथ साझेदारी से हम काफी प्रसन्न हैं और आशा करते हैं कि आने वाले समय में हम पीओसी से आगे बढ़ कर बड़े पैमाने पर लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठायेंगे।’’ इससे पहले इस वर्ष टाटा स्टील ने एक वैश्विक समुद्री परिवहन समूह ‘मित्सुई ओ.एस.के. लाइंस’ के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया था, ताकि पर्यावरण-स्नेही शिपिंग समाधान विकसित कर इसे लागू किया जा सके। इसी के साथ, समुद्री व्यापार में ‘स्कोप 3’ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने के लिए ‘सी कार्गो चार्टर’ में शामिल होने वाले दुनिया की पहली स्टील उत्पादक कंपनी बनी।