टाटा स्टील ने सांस आधारित कैंसर डिटेक्टर के लिए आईआईटी रुड़की के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए

0
Advertisements

~ आईआईटी रुड़की ने बीएलओ डिटेक्टर विकसित किया है जो स्तन, फेफड़े और मुंह के कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद करेगा ~

Advertisements

जमशेदपुर (संवाददाता ):- नॉन-इनवेसिव प्रारंभिक चरण के कैंसर निदान को एक किफायती हकीकत बनाने के प्रयास में, टाटा स्टील के न्यू मैटेरियल्स बिजनेस ने सांस आधारित कैंसर डिटेक्टर के लिए आईआईटी रुड़की के साथ एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस समझौते पर 17 अक्टूबर, 2022 को हस्ताक्षर किए गए। आईआईटी रुड़की के प्रोफेसरों की टीम- प्रो. इंद्रनील लहिरी, प्रो. पार्थ रॉय, प्रो देबरुपा लहिरी और उनके ग्रुप के साथ शोधकर्ताओं ने कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए एक सरल तथा उपयोग में आसान श्वसन आधारित डिटेक्टर (बीएलओ डिटेक्टर) (ब्रेथ बेस्ड डिटेक्टर) विकसित किया है।

इस डेवलपमेंट के बारे में बात करते हुए, टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट, न्यू मैटेरियल्स बिजनेस, डॉ देबाशीष भट्टाचार्जी ने कहा कि: “टाटा स्टील लगातार नवाचार की संस्कृति को प्रोत्साहन देने और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर सुधार की दिशा में काम कर रही है। हम इस बीएलओ डिटेक्टर को विकसित करने और प्रयोग करने के लिए आईआईटी रुड़की के साथ मिलकर काम कर रहें है।

यह डिवाइस, जो कलरिमेट्री के सिद्धांतों पर काम करता है, स्तन, फेफड़े और मुंह के कैंसर का पता लगाने में सक्षम है। बीएलओ डिटेक्टर बड़ी आबादी की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिनके इन तीन प्रकार के कैंसर में से किसी से प्रभावित होने की संभावना है। इस परीक्षण में एक सकारात्मक परिणाम कैंसर के विस्तृत निदान और उपचार के लिए एक डॉक्टर की त्वरित जांच सुनिश्चित करेगा।

See also  आदित्यपुर : एनआईटी जमशेदपुर ने उन्नत हीट ट्रांसफर प्रौद्योगिकियों पर कार्यशाला का किया आयोजन

इसका कैंसर रोगियों, विशेष रूप से इन तीन प्रकार के कैंसर से पीड़ित रोगियों के सर्वाइवल रेट में वृद्धि पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। डिवाइस का प्रारंभिक क्लिनिकल टेस्ट देहरादून में एक कैंसर अनुसंधान संस्थान में किया गया है, जिसकी संवेदनशीलता और विशिष्टता क्रमशः 96.11% और 94.67% है।

टाटा स्टील कमर्शियल टर्म्स पर प्रोटोटाइप के डिजाइन और उपयोग की दक्षता में और सुधार करेगी, साथ ही टाटा मेडिकल सेंटर, कोलकाता के सहयोग से इसकी प्रभाव का पुनर्मूल्यांकन करेगी और उसके बाद मेडिकल मैटेरियल एंड डिवाइसेज, न्यू मैटेरियल्स बिजनेस के तहत इस डिवाइस का व्यावसायीकरण करेगी।

टाटा स्टील के न्यू मटेरियल बिजनेस की मेडिकल मैटेरियल एंड डिवाइसेज बिजनेस यूनिट का रणनीतिक उद्देश्य नए स्वदेशी और किफायती समाधान विकसित करने और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में आयात निर्भरता को कम करने पर है। वर्टिकल भारतीय डेमोग्राफी को ध्यान में रखते हुए भारत में आधारित मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देने के साथ बेंच से बेडसाइड तक ट्रांसलेशनल रिसर्च को बढ़ावा देने में शिक्षण संस्थान के साथ मिलकर काम करता है।

Thanks for your Feedback!

You may have missed