टाटा स्टील ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी भुवनेश्वर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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भुवनेश्वर: टाटा स्टील ने पारस्परिक हित से संबंधित परियोजनाओं में नवाचार, अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी भुवनेश्वर रिसर्च एंड एंटरप्रेन्योरशिप पार्क (आईआईटी भुवनेश्वर आरईपी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

एमओयू के तहत, टाटा स्टील और आईआईटी भुवनेश्वर द्वारा प्रवर्तित कंपनी आईआईटी भुवनेश्वर आरईपी ने मटेरियल प्रोसेसिंग और मॉडलिंग, ऊर्जा और पर्यावरण, और कम कार्बन युक्त स्टील उत्पादन और सर्कुलर इकॉनमी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए हाथ मिलाया है।

11 फरवरी, 2024 को आईआईटी भुवनेश्वर में 100-क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव के दौरान श्री धर्मेंद्र प्रधान, माननीय केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार
की उपस्थिति में टाटा स्टील के सीईओ और एमडी, टी. वी. नरेंद्रन और आईआईटी भुवनेश्वर के निदेशक और आरईपी के अध्यक्ष प्रोफेसर श्रीपाद कर्मलकर के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। 

टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टी. वी. नरेंद्रन ने कहा कि एमओयू आईआईटी भुवनेश्वर के साथ हमारी साझेदारी को मजबूत करता है, क्योंकि हम सस्टेनेबल स्टील बनाने और एडवांस मटेरियल के लिए सह-समाधान तैयार करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
टाटा स्टील युवाओं के नेतृत्व में भारतीय स्टार्टअप की विशाल क्षमता को पहचानती है।  सरकार द्वारा समर्थित, हमारे शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थान नवीन विचारों के उद्गम स्थल हैं।  उद्योग के साथ सहयोग उन विचारों को स्केलेबल अनुप्रयोगों में बदलने की प्रक्रिया को उत्प्रेरित करता है। उन्होंने आगे कहा कि
ओडिशा की उद्यमशीलता की भावना और प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से एक मजबूत भारत के निर्माण की दिशा में
100-क्यूब पहल को बढ़ावा देने के लिए यह सरकार द्वारा एक सराहनीय कदम है।
आईआईटी भुवनेश्वर आरईपी के साथ टाटा स्टील के सहयोग में संयुक्त अनुसंधान पहल, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए समर्थन भी शामिल होगा।  टाटा स्टील ने पहले बैटरी अनुसंधान पर संस्थान के साथ सहयोग किया है।

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