टाटा स्टील को इंडियन वैल्यू इंजीनियरिंग सोसाइटी से मिले तीन प्रतिष्ठित पुरस्कार
जमशेदपुर: टाटा स्टील को इंडियन वैल्यू इंजीनियरिंग सोसाइटी (इन्वेस्ट) से तीन प्रतिष्ठित वैल्यू इंजीनियरिंग पुरस्कार प्राप्त हुए, जो निर्माण परियोजनाओं में इसके निरंतर प्रयास की मान्यता है।
टाटा स्टील के इंजीनियरिंग एवं प्रोजेक्ट विभाग को ये पुरस्कार 1-2 दिसंबर को बेंगलुरु में आयोजित 39वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय वैल्यू इंजीनियरिंग सम्मेलन के दौरान प्राप्त हुए। इसके साथ ही इंजीनियरिंग एवं प्रोजेक्ट विभाग को लगातार तीन वर्षों तक तकनीकी श्रेणी में पुरस्कार जीतने का गौरव प्राप्त हुआ है।
पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है:
1. मुथैया कासी पुरस्कार “टाटा स्टील कलिंगानगर (टीएसके) में कोल्ड रोल्ड (सीआर) डाउनस्ट्रीम प्रोसेसिंग फैसिलिटी की लॉजिस्टिक प्रणाली में सुधार पर वैल्यू स्टडी” के लिए: यह पुरस्कार कस्टमर ओरिएंटेड फ़ंक्शन एनालिसिस सिस्टम टेक्निक (फास्ट) आरेख के अनुकरणीय अनुप्रयोग के लिए दिया जाता है और यह प्रदर्शित करता कि कैसे फ़ंक्शंस और विशेष रूप से फ़ास्ट डायग्राम ने समस्याओं को हल करने में मदद की है और/या रचनात्मक समाधान/नवाचार को जन्म दिया है। टीम के सदस्यों में सूर्य प्रकाश प्रभाकर (फैसिलिटेटर), विकाश कुमार (टीम लीडर और लेखक), रोहित आर कनौजिया (सदस्य और सह-लेखक), आशीष शर्मा (सदस्य), मृत्युंजय ओझा (सदस्य), डी वी एस रामकृष्ण (सदस्य), बाबू मंजूनाथ मोगर (सदस्य) शामिल थे।
2. “टाटा स्टील मेरामंडली (टीएसएम) में जीरो एफ्लुएंट डिस्चार्ज (जेडईडी) प्लांट के पाइपलाइन पैकेज में कैपेक्स कटौती के लिए वीई अध्ययन” के लिए केएसआरएम शास्त्री पुरस्कार: यह पुरस्कार सर्वोत्तम संभव समाधान
प्राप्त करने के लिए ‘फंक्शन और क्रिएटिविटी’ के प्रभावी उपयोग के लिए दिया जाता है। टीम के सदस्यों में सूर्य प्रकाश प्रभाकर (फैसिलिटेटर), सुब्रत घोष (टीम लीडर), अंकुर समाधिया (लेखक), कौशिक मुखोपाध्याय (सदस्य), सुनील सिंघल (सदस्य), आशीष कुमार दास (सदस्य), प्रभात शॉ (सदस्य), सौम्यजीत प्रधान (सदस्य), बिजय कुमार सदांगी (सदस्य), देबदत्त गुप्ता (सदस्य) शामिल थे।
3. “टाटा स्टील लिमिटेड, जमशेदपुर के लिए एक्सट्रूडेड ब्रिकेट प्लांट के मूल्य अध्ययन” के लिए सर्वश्रेष्ठ तकनीकी पेपर पुरस्कार (तीसरा पुरस्कार): यह पुरस्कार प्रदर्शन में सुधार के लिए वैल्यू इंजीनियरिंग तकनीक के अनुप्रयोग में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने के लिए शोध पत्रों को दिया जाता है। टीम के सदस्यों में इशरत मिर्जा (टीम लीडर और लेखक), धर्मेंद्र कुमार (सदस्य), वाई. राजशेखर (सदस्य), कौशिक मुखोपाध्याय (सदस्य), अंकुर समाधिया (सह-लेखक), देवब्रत (सदस्य), संदीप कुमार पाटिल (सदस्य), संदीप चक्रवर्ती (सदस्य), प्रताप सिन्हा (सदस्य), श्याम मनोहर पांडे (सदस्य), देबासिस चक्रवर्ती (सदस्य), पुष्पेंदु मोइत्रा (सदस्य)
शामिल थे।
उपरोक्त परियोजनाओं का मार्गदर्शन और नेतृत्व मनीष कुमार सिंह, जीएम डिजाइन और इंजीनियरिंग, के शंकर मरार, चीफ प्लानिंग एंड बजटिंग, चंद्र मोहन वर्मा, चीफ प्रोसेस इम्प्रूवमेंट और मटेरियल मैनेजमेंट, रवि प्रकाश चीफ, पी एंड सी सीआरएम और सीआरएम डाउनस्ट्रीम टीएसके और एचआरपीजीएल, धर्मेंद्र कुमार चीफ इंजीनियरिंग कोक एनवायरनमेंट और एनर्जी, टी साजी मैथ्यू चीफ इंजीनियरिंग फ्लैट प्रोडक्ट मिल्स, अनिल कुमार सिंह, चीफ प्रोजेक्ट एंड कंस्ट्रक्शन टीएसएम और चीफ कंस्ट्रक्शन, धर्मेंद्र प्रसाद, चीफ प्रोजेक्ट एंड कंस्ट्रक्शन टीएसजे, किशोर तार चीफ प्रोजेक्ट एंड कंस्ट्रक्शन, स्टील एंड मिल्स टीएसजे और टीसीआईएल, विभाष पटनायक, चीफ प्रोजेक्ट एंड कंस्ट्रक्शन, टीएसएम और आशीष कुमार दास, चीफ इम्प्रूवमेंट द्वारा किया गया है।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान चंद्र मोहन वर्मा, चीफ प्रोसेस इम्प्रूवमेंट एंड मटेरियल मैनेजमेंट को वैल्यू इंजीनियरिंग पर एक विशेषज्ञ वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। सत्र के दौरान देशभर के उद्योग जगत के दिग्गजों ने भाग लिया।