Success Story: स्कूल ड्रॉपआउट जिन्होंने कभी भीख मांगकर खाया खाना, आज करोड़ों की कंपनी के मालिक…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- रेणुका आराध्या ने साबित किया है कि सफलता में गरीबी बाधा नहीं बन सकती है। कठोर परिश्रम और लगन से कोई भी व्यक्ति सफलता पा सकता है। उन्होंने बचपन में घोर गरीबी देखी। लेकिन, इस बात से कभी निराश नहीं हुए। रेणुका ने अपनी स्थिति को बदलने का फैसला किया और इसे बदल डाला। उनकी कहानी कई लोगों को प्रेरणा देती है।
गरीबी से अमीरी तक की कहानियां सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि हकीकत में भी देखने को मिलती हैं। ये कहानियां हमें सिखाती हैं कि जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है। ऐसी ही एक कहानी रेणुका आराध्या की है। रेणुका बेंगलुरु के पास एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म एक गरीब पुजारी परिवार में हुआ था। इस कारण उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता। उनके पिता का निधन जल्दी हो गया था। उनकी मां ने उन्हें अकेले ही पाला था। कभी उन्होंने भीख मांगकर खाना खाया। आज वह करोड़ों की कंपनी के मालिक हैं। आइए, यहां उनकी सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
घर-घर जाकर भीख मांगते थे
रेणुका बेंगलुरु के पास एक छोटे से गांव से हैं। उनका जन्म गरीब पुजारी परिवार में हुआ था। रेणुका का बचपन बेहद गरीबी में बीता। उन्होंने मुश्किल हालातों का सामना करते हुए भी 10वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने पास के एक मंदिर में पुजारी का काम करना शुरू कर दिया। पूजा-अर्चना के बाद रेणुका और उनके पिता घर-घर जाकर चावल, आटा और दाल मांगते थे।
घरों में काम करना शुरू किया
बाद में रेणुका आराध्या ने दूसरों के घरों में घरेलू काम करना शुरू कर दिया। 20 साल की उम्र में रेणुका आराध्या की शादी हो गई। इस बीच वह सुरक्षा गार्ड और मजदूर के तौर पर काम करते रहे। फिर उन्होंने एक प्लास्टिक फैक्ट्री में काम किया।
खुद का कारोबार करने की मिली प्रेरणा
प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करते हुए रेणुका को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा मिली। खास तौर से सूटकेस कवर का व्यवसाय करने का आइडिया उन्हें यहीं से आया। लेकिन, कारोबार में 30,000 रुपये का घाटा होने के बाद वह फिर से सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करने लगे। बाद में वह करीब 4 साल तक एक ट्रैवल एजेंसी में ड्राइवर रहे।
देखते ही देखते बन गए करोड़पति
इसके बाद अपनी बचत और बैंक से लोन लेकर रेणुका ने पहली कार खरीदी। साथ ही प्रवासी कैब्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी की नींव रखी। बाद में रेणुका ने करीब 6 लाख रुपये में एक और कैब कंपनी खरीद ली। रेणुका का कारोबार तब चल निकला जब अमेजन इंडिया ने उन्हें अपने प्रमोशन के लिए चुना। समय के साथ वॉलमार्ट और जनरल मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियों ने रेणुका के साथ साझेदारी की। नतीजतन, उनकी कंपनी का टर्नओवर 40 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। वर्तमान में, उनकी कंपनी ने 150 से अधिक लोगों को रोजगार दिया हुआ है।