शिक्षकों की लापरवाही से छात्र को लगी आग, एक आंख पूरी तरह क्षतिग्रस्त

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प्रखण्ड -खरसावां : ग्राम रंगोगोड़ा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में एक छात्र को शिक्षकों की लापरवाही से आग लग गया जिसको तत्काल इलाज के लिए गांव में स्थित श्री साईं सेवा संस्थान के माध्यम से सदर अस्पताल सरायकेला पहुंचाया गया जहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें चिकित्सकों के द्वारा पूर्णिमा नेत्रालय तमोलिया चांडिल भेज दिया गया है। ज्ञात हो कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय रंगोगोडा में कुल 03 शिक्षक पदस्थापित हैं जो बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाकर विद्यालय से नदारत थे। प्रधानाध्यापक अभिमन्यु प्रधान के द्वारा बच्चों को सफाई करने के काम में लगा दिया गया था । प्लास्टिक कूड़े कचरे को आग लगाने के लिए बच्चों को पारा शिक्षिका अन्नपूर्णा महतो के द्वारा रसोईघर से माचिस निकाल कर दिया गया एवं प्रतिदिन की भांति वह अपना हाजरी बनाई फिर विद्यालय से अपने व्यक्तिगत काम करने खेत चली गई ।

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बच्चे भगवान भरोसे विद्यालय परिसर से बाहर भटक रहे थे तभी अचानक विद्यालय भवन से चिखने- चिल्लाने की आवाज आई, धुआं की लपेटें उठते हुए दिखाई दिया, अनन-फनन में ग्रामीण विद्यालय परिसर में गये तो देखा गया कि गुरुमित महतो नामक एक 10वर्षिय छात्र आग में झुलस गए थे एक आंख के ऊपर पिघला हुआ प्लास्टिक चिपक गई थी जिसके कारण आंख पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है इसके अलावा एक हाथ एवं पैर में भी गंभीर चोट लगी है। ग्रामिणों के द्वारा अपनी सुझ – बूझ से श्री साईं सेवा संस्थान के वाहन से छात्र को सदर अस्पताल, सरायकेला पहुंचाया गया जहां से बेहतर इलाज के लिए पूर्णिमा नेत्रालय, तमोलिया भेज दिया गया है । ग्रामीणों का शिकायत है कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक अभिमन्यु प्रधान हमेशा शराब के नशे में रहते हैं घटना के दौरान भी वह नशे में धुत्त थे। छात्र का उपचार के लिए कोई कदम उनके द्वारा नहीं उठाया गया , यह खेदजनक है। छात्र के माता पिता दिहाड़ी मजदूर हैं।

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पारा शिक्षिका अपना हाजरी दर्ज कर प्रतिदिन व्यक्तिगत काम से विद्यालय से भाग जाती है बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे है। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षकों के विद्यालय से नदारत रहने की शिकायतें विभाग को कई बार की गई है परंतु किसी प्रकार की करवाई नहीं होना सरकार की कमजोरी को दर्शाता है।

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