Advertisements
Advertisements
Advertisements

शनि देव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….

Advertisements
Advertisements

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
शनि देव की जय…जय जय शनि देव महाराज…शनि देव की जय!!!

इन बातों का ध्यान रखें
शनि देव की आरती का पाठ करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें. शनि आरती का पाठ करने से पहले स्वच्छता के नियमों को अपनाएं. शनि आरती के समापन के बाद भगवान श्रीकृष्ण, भगवान शिव, हनुमान जी का स्मरण करें. इसके बाद प्रसाद का वितरण करें. शनिवार के दिन शनि देव से जुड़ी चीजों का दान भी कर सकते हैं. इस दिन शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं. मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ सभी संकटों से बचाता है. शनि देव की कृपा बनी रहती है.

Thanks for your Feedback!

You may have missed