धूम धाम से मनाया गया, भाई-बहन के अटूट रिश्तों का त्यौहार रक्षाबन्धन.
जमशेदपुर:-(काजल कुमारी)- रक्षाबंधन यानी रक्षा का बंधन जो भाई-बहन के बीच स्नेह और पवित्र रिश्ते का प्रतीक है ,भाई बहन की प्रेम की सौगात है ,इस पर्व की कुछ अलग ही बात है। सावन की रिमझिम फुहार है ,भाई बहन की मीठी थी तकरार है, यह रक्षाबंधन का त्यौहार है । जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है सावन मास में मनाए जाने के कारण इसे श्रावणी कहते हैं ।इस दिन राखी बांधने की बहुत पुरानी परंपरा है रक्षाबंधन पर बहने भाइयों की दाहिनी कलाई पर एक पवित्र धागा यानी राखी बांधती है और उनके अच्छे स्वास्थ्य एवं लंबी उम्र की कामना करती है ।
वहीं दूसरी तरफ भाइयों द्वारा अपनी बहनों का हर हाल में रक्षा करने का संकल्प लिया जाता है। वैसे तो भाई बहन का रिश्ता बहुत खास होता है जिस तरह वे एक दूसरे की चिंता करते हैं उसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती है। भाई-बहन के बीच का रिश्ता अतुलनीय है। वह चाहे छोटी-छोटी बातों पर कितना भी लड़ाई झगड़ा करें लेकिन फिर भी वह एक दूसरे के लिए कुछ भी करने से पीछे नहीं हटते इसीलिए तो कहते हैं ,कच्चे धागे से बनी पक्की डोर है ,यह राखी मीठी शरारती की होड़ है ,यह राखी भाई की सलामती की दुआ है ,यह राखी बहन के प्यार का पवित्र धूम है यह राखी।
भाई-बहन के बीच का प्यार का गवाह इतिहास भी है, इनके बीच की प्यार की कई कहानियां है, कहते हैं मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुर शाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली रानी लड़ने में असमर्थ थी अतः उसने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा की याचना की हुमायूं ने राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुंचकर बहादुर शाह के विरोध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती और उसके राज की रक्षा की। रक्षाबंधन का त्यौहार ना सिर्फ भारत में मनाया जाता है, बल्कि नेपाल और मॉरिशस में भी इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।