राधा अष्टमी: जानें राधा रानी की पूजा से जुड़ी कुछ खास जानकारी…
लोक आलोक सेन्ट्रल डेस्क:–राधा अष्टमी, जिसे राधा जन्माष्टमी भी कहा जाता है, हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी का जन्म हुआ था, जो भगवान कृष्ण की अत्यंत प्रिय और दिव्य प्रेमिका मानी जाती हैं। राधा और कृष्ण के प्रेम की अद्भुत कथा भक्तों के लिए प्रेरणा और भक्ति का स्रोत है।
क्यों मनाया जाता है राधा अष्टमी?
राधा अष्टमी का पर्व राधा रानी की दिव्य उपस्थिति और उनके द्वारा भगवान कृष्ण के प्रति असीम प्रेम और भक्ति को समर्पित है। यह दिन भक्तों को राधा रानी के अद्वितीय चरित्र, उनके जीवन की शिक्षाओं और कृष्ण भक्ति के महत्व को समझाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन विशेष पूजा, आरती, भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है, जिससे भक्तों को राधा रानी के प्रेम और आशीर्वाद का अनुभव होता है।
कैसे मनाते हैं राधा अष्टमी?
राधा अष्टमी पर भक्त लोग व्रत रखते हैं, मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं, और राधा रानी की भव्य सजावट की जाती है। इस दिन विशेष रूप से राधा रानी की आरती और भजन कीर्तन आयोजित किए जाते हैं, जिनमें भक्त जन बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ हिस्सा लेते हैं। मंदिरों में विशेष प्रसाद भी वितरित किया जाता है, जो भक्तों को राधा रानी की कृपा का अनुभव कराता है।
राधा अष्टमी की इस पावन अवसर पर सभी को राधा रानी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो, यही हमारी कामना है।