निगम के माननीय एजेंसियों पर दबाव डाल राजनीति चमकाने में जुटे ,2 वर्ष पूर्व एजेंसी के ज़ब्त मटेरियल का आज तक नहीं मिला रिपोर्ट , वार्ड पार्षद भी हो रहे है मुखर , व्हाट्सएप ग्रुप में भी छाया पार्षद द्वारा सरकारी जमीन छेके जाने का मामला , जानें क्या है मामला ….
आदित्यपुर :- करोड़ों के फंड से चलने वाले आदित्यपुर नगर निगम के माननीय अब अपनी ना कामयाबी छुपाने का ठीकरा निगम क्षेत्र में करोड़ों की लागत वाली योजनाओं पर कार्य कर रहे एजेंसी पर फोड़ने में जुट गए हैं, हाल के दिनों में जहां योजनाओं के नाम पर समूचे निगम क्षेत्र को गड्ढों में तब्दील किए जाने के मुद्दे को लेकर विपक्ष इन माननीयों को घेरने की कवायद में जुटा है, तो वही अब माननीय योजनाओं में लेटलतीफी का जिम्मेदार सिर्फ दो महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य कर रहे एजेंसी को ही ठहरा रहे हैं।
दरअसल नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज ड्रेनेज का कार्य कर रही सापूरजी पालम जी एंड कंपनी और जलापूर्ति योजना पर कार्य कर रही जिंदल कंपनी द्वारा योजनाओं के दौरान सड़कों को खोदे जाने से गड्ढों में तब्दील होने और समय से क्षतिग्रस्त सड़कों को मरम्मत नहीं करने के मुद्दे को लेकर आम जनता के साथ-साथ विपक्ष भी एकजुट हो रहा है, विपक्षी नेताओं की एकजुटता और सामाजिक संगठन जनकल्याण मोर्चा द्वारा मामले की गंभीरता को नगर विकास विभाग के सचिव के समक्ष उठाए जाने के मुद्दे के बाद माननीय चिर निद्रा से जागे हैं, आनन-फानन में विभाग के सचिव को पत्र लिखकर शिकायत का दावा किया जा रहा है, लेकिन शिकायत पत्र का मुखड़ा भी शायद किसी ने नहीं देखा और एक बार फिर एजेंसी को कटघरे में खड़ा किया गया है ,हालांकि नगर निगम के अपर नगर आयुक्त द्वारा 15 दिनों के अंदर क्षतिग्रस्त सभी सड़कों को बरसात से पूर्व दुरुस्त करने का अल्टीमेटम एजेंसियों को दिया गया है।
एजेंसी के ज़ब्त मटेरियल का आज तक नहीं मिला रिपोर्ट
निगम के माननीय ने तकरीबन 2 वर्ष पूर्व वार्ड संख्या 2 में सीवरेज योजना पर कार्य कर रहे शापूरजी पालन जी कंपनी द्वारा पेटी कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने और घटिया मैटेरियल यूज किए जाने के मुद्दे को जोरों से उठाया गया था इनके द्वारा मटेरियल जब्त कर लैबोरेट्री से जांच कराए जाने का भी दंभ भरा गया था, लेकिन आज 2 साल से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी मटेरियल का रिपोर्ट क्या मिला? मटेरियल जब्त हुआ था भी या नहीं इसका जवाब नहीं है, और निगम के कई पार्षद भी जानना चाहते हैं कि मटेरियल जब्त करने के बाद रिपोर्ट का क्या हुआ, या फिर प्रेशर पॉलिटिक्स के लिए केवल किया गया था।
मुखर हो रहे वार्ड पार्षद
माननीय द्वारा अमृत योजना के तहत निर्माणाधीन योजनाओं में लापरवाही एजेंसियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के मुद्दे को आनन-फानन में उठाए जाने का कई पार्षदों ने मुखर होकर विरोध किया है ,सूत्र बताते हैं कि आदित्यपुर नगर निगम के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप मे माननीय द्वारा कमी को छुपाने के उद्देश्य से एजेंसियों पर दबाव बनाए जाने का पार्षदों ने मुखर होकर विरोध किया है , पार्षदों ने भी बातों को रखते हुए कहा है कि 2 साल पहले भी एजेंसी पर दबाव बनाया गया था उसके बाद पूरा मामला “टॉय-टॉय फिश” हो गया और अब एक बार फिर एजेंसी को टारगेट किया जा रहा है , व्हाट्सएप ग्रुप में मुखर होकर विरोध करने में मुख्य रूप से निगम के वार्ड संख्या 2, 12 ,19 और 30 के पार्षद शामिल हैं ,इनके अलावा अन्य कई वार्ड पार्षद भी दबे जुबान में एजेंसियों के कार्य को बार-बार टारगेट किए जाने के पक्ष में नहीं है।
व्हाट्सएप ग्रुप में छाया पार्षद द्वारा सरकारी जमीन छेके जाने का मामला
सूत्रों के अनुसार नगर निगम के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप में एक वार्ड पार्षद द्वारा अपने निजी कार्यालय के नाम पर सरकारी जमीन छेके जाने से संबंधित खबर अखबार में प्रकाशित होने के कतरन को डाले जाने के बाद पार्षदों की गुटबाजी खूब सामने आ रही है, कुछ पार्षदों द्वारा सरकारी जमीन पर कार्यालय बनाए जाने का पुरजोर समर्थन किया जा रहा है तो वहीं कुछ ने इसे गलत करार दिया है।