सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल बच्चे को उरांव समाज रक्तदान समूह अपना कर्तव्य निभाते हुए किया रिम्स में रक्तदान

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चाईबासा: जब भी किसी समूह का निर्माण होता है तो उसका अपना देश, समाज, परिवार के प्रति कुछ न कुछ उद्देश्य जरूर होता है, और वह समूह अपने उद्देश्य को लेकर तत्पर रहता है। ठीक इसी तरह से चाईबासा के एक ऐसा समूह जो अपने उद्देश्य को लेकर 24 सो घंटे तैयार रहता है, चाहे दिन हो, रात हो, मौसम का बिना परवाह करते हुए समाज उपयोगी कार्यों में अपनी सहभागिता को निभाने के लिए तत्पर रहता है। वह समूह है उरांव समाज रक्तदान समूह चाईबासा जो हमेशा अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहता है। विदित हो कि चक्रधरपुर के पम्पूरोड निवासी अभिजीत कुजूर जिसका 1 मार्च को सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गया था, उसके सिर और पैर में गंभीर चोट लगी थी। स्थानीय अनुमंडल अस्पताल उसकी स्थिति को देखते हुए रांची रिम्स रेफर कर दिया था, वहां डाक्टर तुरंत कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन करने की बात कही, लेकिन इसके लिए उसके शरीर पर पर्याप्त रक्त की कमी देखी गई और न्यूनतम दो यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ रही थी, लेकिन रिम्स स्थित ब्लड बैंक में संबंधित ग्रुप का रक्त नहीं मिला। जिसकी सूचना चाईबासा के उरांव समाज रक्तदान समूह के मुख्य संचालक ब्लडमेन लालू कुजूर को मिली, उसने तुरंत तर्पता दिखाते हुए अपने समूह के संबंध ग्रुप के दो सक्रिय कार्यकर्ता शुभम लकड़ा एवं सुमित उरांव को चाईबासा से रांची रिम्स भिजवाकर संबंधित ग्रुप का रक्त उपलब्ध करवाया। एक सवाल के जवाब में कुजूर ने बताया कि हमारा समूह का स्थापना ही इस तरह के कार्य के लिए हुआ है। हमारा प्रयास रहता है कि किसी व्यक्ति की रक्त के कमी के कारण कोई भी दुखद घटना ना हो। उन्होंने आगे बताया कि पिछले कई वर्षों से हम लोग इस तरह के कार्य करते आ रहे हैं, हमारे सक्रिय कार्यकर्ता अपने शहर चाईबासा के सदर अस्पताल सहित विभिन्न निजी अस्पतालों में साथ रिम्स ही नहीं, बल्कि सरायकेला के सदर अस्पताल, जमशेदपुर के एम जी एम आदि अस्पतालों में जाकर संबंधित ग्रुप के व्यक्ति को रक्त उपलब्ध कराते आ रही है। मैं विशेष रूप से अपने सभी सक्रिय रक्तदाताओं को धन्यवाद देता हूं कि वे अपने कर्तव्य को निभाने के लिए हमारे कार्यकर्ता, हमारे सक्रिय सदस्य इस तरह के मानवता धर्म निभाने के लिए तत्पर रहते हैं।

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