श्रीनाथ यूनिवर्सिटी में हिंदी महोत्सव के दूसरे दिन स्त्री लेखन की लोकप्रियता पर हुआ मंथन, आज की स्त्री, एक सशक्त औरत  – ममता कालिया

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आदित्यपुर:- आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में ‘तीन दिवसीय सातवां अंतरराष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव’ का द्वितीय दिवस आज संपन्न हुआ । महोत्सव के दूसरे दिन, हिंदी की वरिष्ठ साहित्यकार, श्रीमती ममता कालिया, श्रीमती मधु कांकरिया एवं नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से आई डॉ. संजीता वर्मा चिंतन-मनन सत्र में सम्मिलित हुई । इस सत्र की समन्वयक डॉ. संध्या सिन्हा एवं श्रीमती रचना रश्मि रहीं । चिंतन-मनन सत्र का आज का विषय था ‘स्त्री लेखन की लोकप्रियता’ । इस सत्र का आरंभ श्रीमती ममता कालिया जी से पहला प्रश्न पूछ कर किया गया कि महिलाओं के बारे में आपने बहुत कुछ लिखा है वर्तमान समय में महिलाओं के बारे में आप क्या सोचती हैं ?  जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय महिलाओं का है और महिलाएं अपना आसमान ढूंढ चुकी है । स्त्री लेखन से संबंधी पुस्तकों को पाठको का प्यार मिल रहा है । आज की स्त्री एक सशक्त औरत है । मधु जी से पूछा गया कि आपने कोलकाता के लाल बत्ती क्षेत्र की महिलाओं के ऊपर एक उपन्यास लिखा है, आपको उसे लिखते समय किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा ? जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक चुनौती पूर्ण कार्य था लेकिन उस क्षेत्र की महिलाओं की पीड़ा एवं वेदना को जानने-समझने का नजदीक से अवसर मिला था। डॉ. संजीता वर्मा जी से पूछा गया कि नेपाल में स्त्री लेखन के प्रति लेखिकाओं का झुकाव कितना है? जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल में भी लोग स्त्री के संघर्ष को अपने लेखन का विषय बना रहे हैं और विशेष कर कार्य क्षेत्र में जो महिलाओं के साथ बदसलूकी होती है उस पर भी लेखन कार्य हो रहा है।

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      सरायकेला खरसावां जिले के उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला भी महोत्सव के द्वितीय दिवस में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे । उन्होने  विश्वविद्यालय के हिन्दी भाषा के प्रति प्रयास को सराहा ।

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     महोत्सव में द्वितीय दिवस पर उपस्थित हुए अतिथि गण- पटमदा डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुमंता कुमार सेन, डॉ. अनिता निधि, डॉ. नन्दन पाण्डेय, डॉ. प्रतिभा प्रसाद, हिन्दुस्तान के संपादक श्री गणेश मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री विष्णु गर्ग,  डॉ. सुखनंदन सिंह आदि उपस्थित थे ।

   सातवाँ अन्तर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव के द्वितीय दिवस की प्रतियोगिताएं – दंगल, विज्ञापन रचना, लघुनाटिका (प्रथम चरण), वृत्तचित्र एवं रील्स संचार,  नृत्य नाटिका, भाषा रूपांतरण, साहित्य के रंग (रंगोली) प्रश्नोत्तरी (द्वितीय चरण) इत्यादि थी l इन प्रतियोगिताओं के निर्णायक – श्री संदीप सावर्ण, श्री संदीप मुरारका, डॉ. मीनाक्षी करण,  श्री कुमार विवेक, मो. शाहिद अनवर, आमिर अजहरी, श्रीमती दीपिका बनर्जी, श्रीमती श्रावणी रथ मिश्रा, श्रीमती वर्षा सिंह, श्रीमती सोमी बोस, श्री नवनीत कुमार मिश्रा,  श्रीमती विद्या तिवारी इत्यादि उपस्थित थे।

द्वितीय दिवस की प्रतियोगिताओ मे सम्मिलित होने वाले महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार, रंभा कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन, गीतिलता, मधुसूदन महतो टीचर्स ट्रेंनिंग कॉलेज, चक्रधरपुर, जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज, गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, महिला कॉलेज, चाईबासा, जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज, करीम सिटी कॉलेज, साईनाथ विश्वविद्यालय, करीम सिटी बी.एड कॉलेज, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, द ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वूमंस, कुल्टी कॉलेज पश्चिम बंगाल, ए.बी.एम. कॉलेज, गोलमुरी, डी.ई.ओ. आई.टी.आई, दुगनी, बी.आई.टी. मेसरा, एम.बी.एन.एस. इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन, कलिंगा इंस्टिट्यूट को सोशल साइंस डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, चर्च स्कूल बेलडीह टेंपल सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, उड़ीसा, मॉडल कॉलेज खरसावां, आर्का जैन यूनिवर्सिटी शामिल रहें l

     विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुखदेव महतो ने गणमान्य अतिथियों एवं निर्णायकों को स्मृति चिन्ह, पौधा एवं शौल देकर सम्मानित किया ।

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