Mother’s Day के मौके पर Saira Banu को आई मां की याद, फोटो शेयर कर लिखा- ‘अल्लाह ने मुझे जीवन में…’
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- महिला सुपर स्टार अभिनेत्रियों की जब बात होती है तो सबसे पहले नसीम बानो का नाम आता है। कहा जाता है कि नसीम बानो स्कूल भी जाती थी जो पालकी में बैठकर जाती थी। नसीम बानो सायरा बानो की मां थी। उनका जन्म 4 जुलाई 1916 को दिल्ली के एक रईस परिवार में हुआ था। मदर्स डे के मौके पर सायरा ने सोशल मीडिया पर उनकी कुछ तस्वीरें साझा क।
आज यानी 12 मई को दुनियाभर में मदर्स डे मनाया जा रहा है। ये दिन हर साल मई के दूसरे रविवार को ही मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी। इसके बाद यह यूरोप और भारत सहित कई देशों में मनाया जाने लगा और आज दुनियाभर में मनाया जाता है। सुबह से ही सोशल मीडिया पर हर कोई अपनी मां के साथ पोस्ट करता नजर आ रहा है।
आमजन से लेकर बॉलीवुड सेलेब्स भी इंस्टाग्राम पर अपनी मांओं के साथ फोटोज शेयर कर रहे हैं। ऐसे में अब एक्ट्रेस सायरा बानो खान ने भी इंस्टा पर एक पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने अपनी मां की तस्वीरें शेयर की है और इसी के साथ एक लंबा-चौड़ा कैप्शन भी लिखा है।
सायरा बानो ने शेयर की मां की तस्वीर
अभिनेत्री ने 8 फोटो शेयर की है, कइयों में वह भी नसीम बानो के साथ पोज देती नजर आ रही हैं। तो वहीं कुछ में सिर्फ और सिर्फ नसीम बानो ही दिखाई दे रही हैं और कैप्शन में लिखा- मेरी प्यारी मां ने एक खूबसूरत दुनिया में मेरे पूरे अस्तित्व की निगरानी की। अल्लाह ने मुझे जीवन में जो कुछ भी दिया है, मैं उसका ऋणी हूं। हम 4 लोगों का परिवार था, मेरी दादी शमशाद अब्दुल वहीद खान, उनकी बहन खुर्शीद बेगम, अप्पाजी और मेरा भाई सुल्तान अहमद। दुर्भाग्य से अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण हम एकल अभिभावक परिवार थे।
मैं “परी चेहरा” नसीम बानो जी के बारे में बात कर रही हूं, जो पहली महिला सुपरस्टार हैं, जिन्होंने सोहराब मोदी के ऐतिहासिक “पुकार” के साथ अपनी प्रशंसा का शानदार सिलसिला शुरू किया था। जहां उन्होंने महारानी नूरजहां का किरदार निभाया था। मुझे दिलीप साहब और अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गजों की याद आती है, जब उनसे सबसे खूबसूरत महिला के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से अप्पाजी का नाम बताया था।
16 की उम्र में नसीम को हुआ था निकाह
16 साल की छोटी उम्र में मेरी मां को परिवार की बागडोर संभालनी पड़ी और यह सिलसिला जीवन भर चलता रहा। उन्होंने हर जगह शानदार काम किया और मुझे और मेरे भाई को लंदन के डे स्कूलों में पढ़ाया और स्कूल खत्म करने के बाद हम मुंबई वापस आ गए और आगे पढ़ाई करने के बजाय फिल्में करना चाहते थे। उन्होंने हमेशा हमारी ‘देसी जड़ों’ पर जोर दिया। हमने दुनिया भर की यात्रा की लेकिन हमारी छुट्टियों का अधिकांश हिस्सा अपनी परंपराओं के साथ जीने के लिए मुंबई और दिल्ली में बिताया।
नसीम ने किए थे सायरा के कपड़े डिजाइन
बाकी इतिहास है और मैं रातोंरात स्टार बन गई क्योंकि लोग नसीम बानो जी की बेटी को देखने के लिए उत्सुक थे। उन्होंने मेरे लिए ड्रेस डिजाइनिंग में नए रास्ते खोले। उस समय ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में थी, जिनमें नायिकाएं किसी भी तरह की पोशाक पहनती थीं, लेकिन “ईस्ट मैन कलर” और “जंगली” के आगमन के साथ नसीम जी ने मेरे लिए सुंदर कढ़ाई वाले परिधान डिजाइन किए।
आगे उन्होंने लिखा, नसीम जी ने मेकअप दादा दीनू इंदुलकर की मदद से मेरे मेकअप में क्रांति ला दी। जब “साज और आवाज़” (1966) में उन्होंने मेरे लिए ब्लू कॉन्टैक्ट लेंस का प्रयोग किया और शानदार आई-मेकअप ट्रेंड शुरू किया। उसी फिल्म में एक ड्रीम सीक्वेंस के लिए वह पेरिस, फ्रांस के प्रसिद्ध ‘लिडो शो’ से सही ग्लैमरस कपड़े और खूबसूरत पंख ढूंढने की चरम सीमा तक चली गईं।
जैसे ही हम इंस्टाग्राम पर जाते हैं, मैं उनके प्रयासों और प्रतिभा के बारे में थोड़ा-थोड़ा करके साझा करना चाहती हूं क्योंकि उनके करिश्मा को एक विस्तृत पुस्तक में भी शामिल नहीं किया जा सकता है। मैं ईश्वर की कृपा से हमारे जीवन को आकार देने में उनके कठिन परिश्रम और सफलताओं से आपको परिचित कराने का प्रयास करूंगी।
‘फीमेल सुपरस्टार’ के मशहूर थी नसीम
बता दें, नसीम बानो हिंदी सिनेमा की खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक थी। उन्होंने सिनेमा का पहला ‘फीमेल सुपरस्टार’ भी माना जाता है। उनकी मां चाहती थी की डॉक्टर बने, लेकिन किस्मत हुए फिल्मों में ले आई। उन्होंने फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत साल 1935 में सोहराब मोदी की फिल्म ‘खून का खून’ से की थी। 18 जून 2002 को 85 की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली।