संस्कार भारती जमशेदपुर महानगर इकाई की तरफ से उत्क्रमित उच्च विद्यालय लक्ष्मीनगर में आज दिनांक ०३ सितंबर को रामचरित मानस की चौपाइयों के वाचन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिका, शिक्षक छात्र- छात्राओं के मध्य शायद इस प्रकार का पहला कार्यक्रम रहा जिसने वातावरण को राममय बना दिया। संस्कार भारती जमशेदपुर महानगर इकाई की अध्यक्ष डॉ रागिनी भूषण,नाट्य विधा प्रमुख आदरणीया कृष्णा सिन्हा जी,संयोजिका साहित्य विधा प्रमुख डॉ अनिता शर्मा जी एवं सोनी सुगन्धा ,उपासना सिन्हा जी एवं शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति में रामचरित मानस पर आधारित चौपाइयां, हनुमान चालीसा एवं रामभजन का डॉ अनिता शर्मा जी के कुशल निर्देशन में तथा पद्मा झा जी के सुंदर संचालन में सस्वर पाठ हुआ। ऐसा लगा जैसे हमलोग संस्कार भारती परिवार की तरफ से ये कार्यक्रम आयोजित करने ही नहीं गए थे अपितु संस्कार भारती परिवार को बढ़ाने गए थे,संस्कार को आत्मसाथ करने गए थे।
कार्यक्रम में पाठ करने वाले छात्र छात्राओं की सिलसेवार सूची निम्नांकित है:-

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बलविंदर कौर -बाल्मीकि रामायण और तुलसीदास कृत रामचरित मानस के विषयांकित किया

रौशनी कुमारी -सियाराम मैं सब जग जानी

सीता कुमारी -सेवक सो जो करे सेवकायी

रिचा कुमारी -राजीव नयन धरे धनुष कहीं न जाये कछु नगर विभूति भावार्थ के साथ बेहतरीन वाचन*

उज्ज्वल -हनुमान चालीसा

रुपाली कुमारी -दीनदयाल विरद सम भारी ..राम सियाराम2

सुमित -रामचरित मानस पर कुछ अपने विचार

नीकिता -जा पर कृपा राम की होई..

मुस्कान कुमारी -नवधा भक्ति पर आधारित चौपाइयों का भावार्थ सहित व्यख्या

अमन कुमार -परशुराम लक्ष्मण संवाद पर आधारित चौपाई

लवली कौर -अरण्यकांड की चौपाईयाँ

बब्ली कुमारी -राम सिया राम जय जय राम

सुधा कुमारी -अयोध्या कांड से चौपाईयों का सस्वर स भावार्थ वाचन

सुमित पॉल -दीनदयाल विरद संभारी -अर्थात हनुमान सीता भेंट प्रसंग

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बॉक्सर निहारिका कुमारी -बालकाण्ड से चौपाईयाँ

अंजली कुमारी—राम भजन सीताराम सीताराम सीताराम कहिए
ततपश्चात सोनी सुगन्धा ने सुन्दरकाण्ड के मंगलाचरण के साथ *गरल सुधा रिपु करई मिताई, गोपद सिंधु अनल सितलाई* का भावार्थ सहित वाचन किया।उपासना जी ने बेहतरीन रामभजन बोलो राम राम राम किया।परम् आदरणीया कृष्णा सिन्हा जी ने राम जी के बालरूप को अपनी सुमधुर आवाज़ में ठुमक चलत रामचन्द्र वाले भजन सुनाकर चित्रांकित कर दिया।अध्यक्ष डॉ रागिनी भूषण जी का बच्चों को आकर्षित करता संवाद ,नानी और नतिनी के प्यारे सम्बन्धों को जताते हुए उनको अंतःकरण से जोड़ने का खूबसूरत प्रयास की नौनिहालों को ऊर्जस्वित करती खूबसूरत रचना नौनिहालों प्यारे बच्चों आगे ही बढ़ते जाना अपने आपमें एक मजबूत स्तम्भ का द्योतक है संस्कार भारती परिवार के लिए।
अंत में कार्यक्रम सुरेश जी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात राष्ट्रगान से सम्पन्न हुआ।

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