जुगसलाई ट्रैफिक थाना में अब रिश्वत भी ऑनलाइन, मुंशी ने ट्रेलर वाले से घूस में ऑनलाइन ले लिये 800 रुपये, ट्रैफिक थाना प्रभारी से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई…

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जमशेदपुर:- झारखंड पुलिस को शर्मसार करने वाली चर्चा इन दिनों जमशेदपुर में खासकर स्टेशन इलाके में जोर शोर से चल रही है. इससे पुलिस की छवि तो खराब हो रही है. साथ ही पुलिस के आला अधिकारी जो बेहतर पुलिसिंग देने के लिए कार्य कर रहे हैं, उनकी प्रतिष्ठा भी धूमिल हो रही है और उनके प्रयास पर पानी फिरता दिख रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं जुगसलाई ट्रैफिक थाना की. चर्चा है कि नए ट्रैफिक थाना प्रभारी के आने के बाद से थाना में घुस लेकर गाड़ी छोड़ने का सिलसिला बढ़ गया है. ताजा मामला यह है कि गत 2 नवंबर को स्टेशन संकटा सिंह पेट्रोल पंप के पास एक ट्रेलर सुबह सुबह खराब हो गया था. जुगसलाई ट्रैफिक थाना के मुंशी जी को इसकी खबर लग गई. जबका यह वाक्या है उस वक्त ट्रैफिक पुलिस के जवान ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे. मुंशी ने अपनी गाड़ी स्टार्ट की और पहुंच गए स्टेशन के पास.
यहां पूर्व से वाहन खराब होने से परेशान ट्रेलर चालक पर अपना रौब झाड़ने लग गए. उन्हें गाड़ी थाने ले जाने की चेतावनी देने लगे. चालक मुंशी के सामने गिड़गिड़ाता रहा. किसी तरह मान मन्नोवल हुई. चालक ने ऐसी हालत में मुंशी को 8 सौ रूपये देने की बात कही. चालक के पास कैश पैसे नहीं थे, तो ऑनलाइन मुंशी ने अपने मोबाइल पर 8 सौ रूपये ट्रांसफर करवा लिए. मुंशी घूस के पैसे इतनी दलेरी से अपने अकॉउंट में ट्रांसफर करवा लेता है, मानो उसको ऐसा करने की ऊपर वालों ने इजाजत दी है. बस फिर क्या था. चालक ने इसकी जानकारी अपने परिचित को दी. वे भी वहां पहुंचे. ऑनलाइन पेमेंट का स्क्रीन शार्ट लेकर जुगसलाई ट्रैफिक थाना प्रभारी राजन कुमार तक भी मामला पहुंच गया, लेकिन थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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मुंशी सीताराम पाल की जुगसलाई ट्रैफिक थाना में यह दूसरी पारी है. एक साल पूर्व भी वह यहां पदस्थापित थे. फिर एक माह से यहां धन बल का इस्तेमाल कर पहुंच गए और मुंशी का काम छोड़ क्षेत्र में वसूली करने के कई आरोप इनके खिलाफ लगे हुए हैं. उसके बाद भी वरीय अधिकारियों का आशीर्वाद उनपर बना हुआ है.

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जुगसलाई ट्रैफिक पुलिस की ही अगर बात करें तो क्षेत्र के लोग उनसे त्रस्त हैं. सूत्रों के अनुसार रेल एसपी ऑफिस के पास, परसुडीह थाना के पास, पिगमेंट गेट हो या फिर थाना के सामने. इन चारों चेकिंग पॉइंट में जांच अभियान के नाम पर खुलकर वसूली का खेल चल रहा है. पड़ोसी राज्य से आने वाले वाहनों को घंटों तक रोककर इन्हें परेशान किया जाता है. वर्तमान में तो चुनाव और पर्व को लेकर ट्रैफिक जांच कम चल रही है, लेकिन आम दिनों में ट्रैफिक चेकिंग पॉइंट की हलचल ही सब कुछ बयां कर देती है, जिसकी लोग खूब चुस्की लेते हैं.

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