उत्तर प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) भी उतरेगी, हर जिले में चल रहा सदस्यता अभियान, भाजपा की बढ़ेगी टेंशन
उत्तरप्रदेश :- उत्तर प्रदेश में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी ने अब नगर निकाय के चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं बीजेपी की धुर विरोधी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) भी अब पहली बार यूपी में नगर निकाय के चुनाव में उतरेगी। हालांकि एनसीपी यूपी में पहले विधानसभा चुनाव में अपना हाथ आजमा चुकी है लेकिन उसे खास सफलता नहीं मिली थी लेकिन अब उसने निकाय चुनाव में बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
यूपी में संगठन के विस्तार में जुटी एनसीपी
एनसीपी के चीफ शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) उत्तर प्रदेश में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव (नवंबर-दिसंबर) लड़ेगी। राकांपा, जो देश में भाजपा विरोधी धुरी का एक प्रमुख घटक है। यह पहली बार राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी। हालांकि इससे पहले राकांपा की पहुंच जमीनी स्तर तक और राज्य के हर हिस्से में पहुंच जाएगी।
हर जिले में चल रहा सदस्यता अभियान
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी केके शर्मा ने कहा कि यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने का पार्टी का निर्णय 2024 के आम चुनावों से पहले राज्य में एक मजबूत स्थिति में होने की आवश्यकता के कारण है। यूपी से बड़ा कोई स्टेट नहीं है इसलिए यहां चुनाव में उतरना जरूरी है। इस बार एनसीपी बड़े पैमाने पर 2024 के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। सदस्यता अभियान चलाकर नए लोगों को जोड़ा जा रहा है।
यूपी में बीजेपी की टेंशन बढ़ाएगी एनसीपी
दरअसल एनसीपी ने पहली बार 2001 से यूपी में पैठ बनाना शुरू किया था। हालांकि पिछले महीने ही एनसीपी ने अपनी यूपी इकाई का पुनर्गठन किया था और 73 सदस्यीय राज्य कार्यकारी समिति का गठन किया था। इस समिति में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा 22 उपाध्यक्ष, 24 महासचिव, 11 सचिव और 15 सदस्य शामिल थे। सदस्यों को यूपी के सभी क्षेत्रों से लिया गया है। इसमें अधिकतम पूर्वांचल से हैं क्योंकि पूर्वांचल ही वह गढ़ है जहां से ज्यादा संख्या में लोग महाराष्ट्र में रोजगार के लिए गए हैं। हालांकि यूपी के हर जिले में विस्तार की कोशिश में पार्टी जुटी हुई है। पूर्वांचल में एनसीपी की आमद से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सपा के साथ मिलकर लड़ा था विधानसभा चुनाव
यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव ने राज्य में राकांपा की चुनावी रणनीति में भी बदलाव किया था। यूपी में इससे पहले 2012 और 2017 में हुए दो विधानसभा चुनाव एनसीपी ने अकेले लड़ा था। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ा था।
हर जिले में लीडरशिप होगी विकसित
एनसीपी ने यूपी चुनाव में अनूपशहर विधानसभा सीट (बुलंदशहर में) अपने ही पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी हार गई थी। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी को स्थानीय स्तर पर अपना संगठन बनाने में मदद करेगा। स्थानीय स्तर के मुद्दों को उठाए जाएंगे जो लोगों के लिए मायने रखते हैं। इससे पार्टी के लिए स्थानीय स्तर पर लीडरशिप भी तैयार होगी।