ललित नारायण मिश्र सांस्कृतिक एवं सामाजिक कल्याण समिति द्वारा कर्मकांड पर राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन
जमशेदपुर (संवाददाता ):-समिति के तत्वावधान में जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के सभागार में कर्मकांड पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। परिचर्चा का विषय रहा – वर्तमान समय मे कर्मकांड की महत्ता, उपयोगिता,आवश्यकता एवम समाज की अपेक्षाएं। इस परिचर्चा में देश के विभिन्न स्थानों से बुद्धिजीवी सम्मिलित हुए। मिथिला की परंपरा के अनुरूप अतिथियों का सम्मान पाग, चादर और स्मृति चिन्ह से किया गया। साथ ही पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर तुलसी का पौधा, मिथिला चित्रकारी किये हुए गमले के साथ प्रत्येक अतिथियों को प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता व मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो०डॉ० गंगाधर पाण्डा शामिल हुए। आने उदबोधन में डॉ० पाण्डा ने कर्मकांड से संबंधित बीज वक्तव्य दिया। संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ० विद्याधर मिश्र, पूर्व कुलपति, संस्कृत विवि०, दरभंगा ने की। विषय प्रवर्तन डॉ० अशोक अविचल, संयोजक, मैथिली परामर्शदातृ समिति, साहित्य अकादमी के द्वारा किया गया। साथ ही कर्मकांड के विद्वान वक्ता डॉ० ध्रुव मिश्र, वेद विभाग, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय एवं प्रो० नन्दकिशोर चौधरी, संस्कृत विश्वविद्यालय, महिषी, सहरसा ने भी अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। मंच संचालन विक्रम आदित्य सिंह ने किया।
संगोष्ठी का उद्देश्य कर्मकांड में व्याप्त अनेकता को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास करना है। समय से रुकी हुई वार्ता श्रृंखला को पुनः स्थापित करने का प्रयास संस्था कर रही है। इस परिचर्चा में झारखण्ड व बिहार की अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधिगण भी श्रोता के रूप में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम में दो पुस्तकों का भी विमोचन हुए जिसकी रचनाकार श्रीमती रूपम झा(मैथिली गीत संग्रह) एवं कुमारी अनुराधा(अंग्रेज़ी पुस्तक) हैं।कार्यक्रम के सफल आयोजन में राजीव ठाकुर, सरोज कांत झा, अशोक कुमार पंकज, पंकज कुमार राय, नवीन झा, जयप्रकाश झा, शिव चन्द्र झा, प्रफुल्ल चंद्र मिश्र, निवास झा आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।