रांची में नहीं निकलेगा मुहर्रम का जुलूस

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रांची: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस साल रांची में मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला जाएगा. यह निर्णय रांची सेंट्रल मुहर्रम कमेटी ने लिया है. यह लगातार दूसरा साल होगा जब कोरोना के कारण मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला जाएगा. इस संबंध में सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकिलुर्रहमान ने बताया कि इस साल भी ढोल-ताशा नहीं बजेगा और न ही अस्त्र-शस्त्र प्रतियोगिता आयोजन नहीं किया जाएगा. बीते साल की तरह इस बार भी मुहर्रम माह के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए इमामबाड़ों में फातिहा होगा. निशान खड़े किए जाएंगे।

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कल जारी किया जाएगा गाइडलाइन

सेंट्रल मुहर्रम कमेटी रांची, धवताल अखाड़ा और इमाम बख्श अखाड़ा की ओर से 9 अगस्त को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है. मेन रोड स्थित कैफे मुगल मधुबन मार्केट में दिन के 3 बजे प्रेस कांफ्रेंस होगा. जिसमें सभी अखाड़ों के लिए गाइडलाइन जारी किया जाएगा. जिसमें बताया जाएगा कि धार्मिक कार्यक्रम सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए किस तरह किया जाएगा।

100 से ज्यादा अखाड़े रांची में निकाले जाते हैं

डोरंडा सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के अंतर्गत आने वाले अखाड़ों के अलावा रांची में निकलने वाले अखाड़े तीन प्रमुख अखाड़ों के पीछे चलते हैं. धवताल अखाड़ा, इमाम बख्श अखाड़ा और लीलू अली अखाड़ा के अंतर्गत 100 से अधिक अखाड़े निकाले जाते हैं।

डोरंडा सेंट्रल मुहर्रम कमेटी ने भी जुलूस नहीं निकालने का लिया निर्णय

डोरंडा सेंट्रल मुहर्रम कमेटी की ओर से भी जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया जा चुका है. बीते दिनों कमेटी के अध्यक्ष अशरफ अंसारी की अध्यक्षता में डोरंडा उर्दू लाइब्रेरी में हुई बैठक में सर्वसमिति से यह फैसला लिया गया है. जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार की गाइडलाइन और प्रशासन की बातों को मानते हुए सभी मोहल्ले के खलीफा ने निर्णय लिया अपने अपने मोहल्ले में इमामबाड़ा के पास निशान खड़ा कर सकते हैं।।

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