Muharram 2024: क्या आप जानते हैं आखिर क्यों मनाया जाता है मोहर्रम, कब हुई थी इसकी शुरुआत…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इसे हिजरी वर्ष की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। मोहर्रम खासतौर पर शिया मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस महीने की 10वीं तारीख, जिसे “आशूरा” कहते हैं, में इमाम हुसैन और उनके 72 अनुयायियों की शहादत का स्मरण किया जाता है।
मोहर्रम क्यों मनाया जाता है:
1. शहादत का स्मरण: 680 ईस्वी में, इमाम हुसैन, जो पैगंबर मोहम्मद के पोते थे, और उनके अनुयायियों को कर्बला की लड़ाई में यजीद की सेना द्वारा शहीद कर दिया गया था। इमाम हुसैन ने यजीद की अधर्मी शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और न्याय और सच्चाई के लिए अपनी जान दे दी। उनकी शहादत इस्लाम में अन्याय के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक है।
2. पर्व और शोक का महीना:मोहर्रम का महीना शोक और मातम का समय है। शिया मुस्लिम समुदाय इस महीने के पहले दस दिनों में इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत का शोक मनाते हैं। वे मातम करते हैं, मस्जिदों और इमामबाड़ों में मजलिस (शोक सभाएं) आयोजित करते हैं, और ताजिया (इमाम हुसैन की कब्र का प्रतीकात्मक मॉडल) के जुलूस निकालते हैं।
मोहर्रम की शुरुआत हिजरी कैलेंडर के अनुसार होती है। हिजरी कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम है और यह इस्लामिक नए साल की शुरुआत का भी प्रतीक है। यह कैलेंडर चांद्र महीनों पर आधारित है, इसलिए मोहर्रम की तारीखें हर साल बदलती रहती हैं।
मोहर्रम का महत्व मुख्य रूप से इमाम हुसैन की शहादत और उनके द्वारा दर्शाए गए न्याय, सच्चाई और धार्मिकता के आदर्शों के कारण है। यह पर्व मुस्लिम समुदाय को इन आदर्शों की याद दिलाता है और उन्हें प्रेरित करता है कि वे भी अन्याय के खिलाफ खड़े हों और सच्चाई का समर्थन करें।