निर्दलीय प्रत्याशी विकास सिंह पर हमले का मंत्री बन्ना के समर्थकों पर लगा आरोप, टकराव की संभावना…
जमशेदपुर : विधानसभा के चुनाव की तारीख के नजदीक आते ही जमशेदपुर में राजनीतिक विरोध बढ़ता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी विकास सिंह के साथ कदमा इलाके में प्रचार के दौरान हाथापाई का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक यह घटना कदमा के उलियान क्षेत्र में हुई, जहां विकास सिंह के समर्थकों के साथ भी मारपीट की गई। इस घटना का आरोप स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के समर्थकों पर लगा है।
निर्दलीय प्रत्याशी विकास सिंह व समर्थक घायल
जानकारी के अनुसार निर्दलीय प्रत्याशी विकास सिंह अपनी टीम के साथ कदमा के उलियान क्षेत्र में प्रचार अभियान में लगे हुए थे। उसी दौरान बन्ना गुप्ता के समर्थक वहां पहुंचे और “बन्ना गुप्ता जिंदाबाद” के नारे लगाते हुए विकास सिंह और उनके समर्थकों के साथ हाथापाई शुरू कर दी। इस दौरान विकास सिंह को चोटें आईं और अन्य समर्थक भी घायल हुए। घटना के समय विकास सिंह की पत्नी और गायिका देवी भी वहां मौजूद थीं, जिनके साथ भी धक्का-मुक्की की गई।
विकास सिंह ने मीडिया को बताया कि वे मंगलवार को प्रचार के दौरान उलियान हनुमान मंदिर के पास पहुंचे थे और मंगलवार का दिन होने के कारण उन्होंने सोचा कि मंदिर में पूजा कर लें। पूजा के दौरान अचानक बन्ना गुप्ता के समर्थकों ने वहां आकर हमला किया और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई और मारपीट के कारण वे घायल हो गए।
विकास सिंह ने घटना के बाद कदमा थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई और जिला निर्वाचन पदाधिकारी तथा चुनाव आयोग के पास मामले की शिकायत करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि उनके पास घटना का वीडियो और सीसीटीवी फुटेज भी है, जो इस हमले का सबूत है।
इस घटना से जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। इससे पहले भी कदमा के शास्त्री नगर में बन्ना गुप्ता और सरयू राय के समर्थकों के बीच मारपीट की घटनाएं सामने आई थीं, जो चुनावी माहौल में तनाव की स्थिति को उजागर करती हैं। इस बार निर्दलीय प्रत्याशी विकास सिंह के साथ हुई हाथापाई ने चुनावी संघर्ष को और गंभीर बना दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जमशेदपुर के कदमा इलाके में हुई इस घटना ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। इस प्रकार की घटनाओं से लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और इसे रोकने के लिए प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, चुनाव आयोग को भी इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है ताकि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जा सके।