आदित्यपुर थाने में ईद पर शांति समिति की बैठक मात्र खानापूर्ति, कई सदस्य रहे नदारद…
आदित्यपुर:- आदित्यपुर थाना परिसर में ईद को लेकर शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मेयर विनोद श्रीवास्तव के अलावे कई गणमान्य लोग शामिल हुए। वैसे जानकारी के मुताबिक थाने में गुरूवार को शांति समिति की बैठक अचानक तय किया गया जिससे कई गणमान्य लोगो को थाना से बुलावा नहीं भेजा गया। जिसको लेकर लोगो ने अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त किया है। पेयजल संकट को लेकर शांति समिति की बैठक में जमकर बवाल हुआ। मुस्लिम बस्ती के एच, जे और आई रोड में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। जिसके कारण लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावे साफ-सफाई, स्ट्रीट लाईट आदि को लेकर भी चर्चा किया गया। बस्ती में कई महीनों से डीप बोरिंग खराब पड़ा है। जिसकी मरम्मति नहीं हो पा रही है। इधर मेयर ने बताया कि एक डीप बोरिंग योजना पास है लेकिन जगह के अभाव में नहीं हो पा रहा है। आदित्यपुर थाना में गुरूवार को विभागीय अधिकारियों की भी उपस्थिति नहीं रही। इधर शांति समिति में खुद को नहीं बुलाये जाने पर डिप्टी मेयर अमित सिंह समेंत क्षेत्र के गणमान्य लोगो ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। मौके पर अधिवक्ता ओमप्रकाश, रविन्द्रनाथ चौबे, नीतू शर्मा, मीरा तिवारी, बीके तिवारी, सुपाल झा, उमेश दुबे, जेएन चौबे, राकेश रमण, सरयू पासवान आदि भी मौजूद थे।
नगर निगम आदित्यपुर के डिप्टी मेयर बॉबी सिंह ने कहा कि आदित्यपुर थानेदार रिमोर्ट से नियंत्रित हो रहे है, उन्हे भय होता है कि उन्हे बुलाये जाने से उनकी कमियां उजागर होगी। मैं एक संवैधानिक पद पर हुं और इस तरह की बैठक जहां सामाजिक सौहार्द बनाये रखने में हमसब का दायित्व होता है वहां नजर अंदाज किया जाना काफी अफसोसजनक है। मुझे बीते कई बैठकों में नहीं बुलाया जा रहा है। मैं इस मामले को राज्य पुलिस के डीजीपी से शिकायत करूंगा।
आदित्यपुर विकास समिति के पुरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि पता नहीं क्यों पुलिस से बुलाने में चुक हुई है। मेरी मांग है कि किसी भी पर्व त्यौंहार से 15 दिन पूर्व शांति समिति की बैठक बुलाया जाए ताकि शांति समिति के उद्देश्यों की पुर्ति हो सके।
कांग्रेस के जिला कार्यकारी अध्यक्ष अंबुज पांडे ने कहा कि शांति समिति की बैठक में सामाजिक लोगो को नजर अंदाज किया जा रहा है। वहीं आजकल यह भी देखा जा रहा है कि थाना में दिनभर बैठककर दलाली करनेवाले तत्वों को शांति समिति में विशेष जगह दी जा रही है।थाना में वैसे लोगो को बुलाया जाता है जिनकी बातें पुलिस को भांति है। ब्राउन शुगर, शराब समेंत कई अवैध कारोबार के कारण क्षेत्र बर्बाद हो रहा है।
छात्र नेता अजय सिंह ने कहा कि शांति समिति के माध्यम से प्रशासन और समाज के बीच ब्रिज का काम होता है। देश में जो वर्तमान हालात है उसे देखते हुए क्षेत्र के गणमान्य लोगो को बैठक से दूर रखना समझ से परे है। प्रशासन के लोग नहीं चाहते है कि उनकी कमियां उनके सामने आये, इसलिए कुछ लोगो को छोड़ करप्शन को संरक्षित करनेवालों के साथ शांति समिति की बैठक कर खानापूर्ति कर दी जाती है।