मातृत्व के भाव को दर्शा रही हैं मनीष सिंह की कविता “वंदन”…

0
Advertisements
Advertisements

लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :-

Advertisements
Advertisements

शीर्षक :: मां ( कवि :- मनीष सिंह वंदन)

अम्मा मम्मी माई मां

ईश्वर की परछाई मां

नाम कई काम एक है

बच्चों की रहनुमाई मां

बेटे बेटियों की खातिर

अपनी भूख छिपाई मां

खेती-बाड़ी गाय गोबर

सबसे नाता निभाई मां

बच्चे बेशक निष्ठुर हों

नहीं सुनी हरजाई मां

रसोईघर से स्कूल तक

बच्चों की शनासाई मां

जब-जब गिरता पड़ता

हौसला-अफजाई मां

दाल-चावल दूध-दही

घर की पाई-पाई मां

सीधी सी बात है “वंदन”

पुण्य की कमाई मां ।।

© मनीष सिंह”वंदन”

आई टाइप आदित्यपुर जमशेदपुर झारखंड

See also  एमजीएम के रूहीडीह आयुष्मान आरोग्य मंदिर अस्पताल की इंचार्ज पर कुदाल से हमला, गंभीर...

Thanks for your Feedback!

You may have missed