कुणाल ने निभाया वादा, कस्तूरबा से 12वीं कर चुकी पहाड़िया आदिम जनजाति की रेणुका आर्थिक मदद की मार्मिक अपील की

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कुणाल ने निभाया वादा, कस्तूरबा से 12वीं कर चुकी पहाड़िया आदिम जनजाति की रेणुका के डॉक्टर बनने के सपने को लग गए पंख, आर्थिक दिक्कत से पिछले साल छूट गई थी पढ़ाई , मदद की मार्मिक अपील की अपनी वीडियो से चर्चा में आई थी रेणुका।

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नाम्या फाउंडेशन की पहल पर रेणुका का वायदे के मुताबिक स्नातक में हुआ दाखिला, लिलि फाउंडेशन से मिलेंगे 2000 प्रतिमाह।

जमशेदपुर (संवाददाता ):– जहां चाह वहां राह…इच्छा शक्ति मजबूत हो तो मददगार भी मिल ही जाते हैं. जमशेदपुर से सटे बोड़ाम प्रखंड की रहनेवाली आदिम पहाड़िया जनजाति की रेणुका पहाड़िया ने कस्तूरबा विद्यालय, पटमदा से 2019 में मैट्रिक औऱ 2021 में 12 वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी, लेकिन आर्थिक दिक्कतों के पहाड़ ने आगे की पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर कर दिया.एडमीशन फीस के 2000 रूपये न होने की वजह से रेणुका पास के चांडील कॉलेज में दाखिला लेने से वंचित हो गई थी. तब पूर्व विधायक सह नाम्या फाउंडेशन के संस्थापक कुणाल षाड़ंगी को रेणुका के बारे में जानकारी मिली तो वे आकर मिले और वादा किया कि अगले सत्र में उसका न सिर्फ मनपसंद कॉलेज में दाखिला होगा बल्कि पढ़ाई बीच में ही न छूटे उसके लिए लिलि फाउंडेशन की तरफ से प्रतिमाह 2000रूपये की भी मदद होगी. आखिरकार देर से ही सही पर वो घड़ी आ गई जब रेणुका ने अपने डॉक्टर बनने के सपने की तरफ पहला कदम बढ़ा लिया. सोमवार को कुणाल षाड़ंगी ने न सिर्फ रेणुका पहाड़िया का दाखिला पटमदा डिग्री कॉलेज, जल्ला में करवाया बल्कि यूनिफॉर्म भी खरीद कर दिया. रेणुका को यहां ज़ूलॉजी ऑनर्स मिल गया है.आगे चलकर उसने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई है.वायदे के मुताबिक उसकी पढ़ाई में आर्थिक दिक्कतें आड़े न आए उसके लिए कुणाल षाड़ंगी की पहल पर लिलि फाउंडेशन की तरफ से प्रतिमाह 2000 रूपये अब मिलने शुरू हो जाएंगे.साथ ही नाम्या फाउंडेशन की तरफ से रेणुका को स्पोकेन इंग्लिश औऱ कम्युनिकेशन डेवलेपमेंट संबंधित ऑनलाईन कोर्स मुफ्त में मुहैया कराया जाएगा ताकि उसके संवाद का हुनर निखर सके.

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इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य सुमंतो सेन ने रेणुका को हरसंभव सहयोग करने का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि रेणुका जैसी छात्रा को पाकर कॉलेज गौरवान्वित है. वहीं कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि रेणुका बधाई की पात्र है कि उसने सपना देखना नहीं छोड़ा, हिम्मत नहीं हारी और पिछले साल दाखिला से वंचित होने के बावजूद इंतज़ार किया और आज नतीजा सामने है.अब उसकी छूटी हुई पढ़ाई को एक रास्ता मिल जाएगा.कुणाल षाड़ंगी ने इस बात पर दुख जताया कि कागज़ों औऱ भाषणों में विलुप्तप्राय आदिम जनजाति समाज के विकास और संरक्षण को लेकर बड़ी बड़ी सरकारी घोषणाएं होती हैं, लेकिन ज़मीनी धरातल पर न जाने रेणुका जैसी कितनी बच्चियां पढ़ ही नहीं पातीं. रेणुका और उसके परिवार ने कुणाल षाड़ंगी और लिलि फाउंडेशन का आभार जताया है.दाखिले के दौरान कुणाल षाड़ंगी के अलावे विमल बैठा, परेश दत्ता,चंद्रशेखर महतो और काशीनाथ सिंह मौजूद थे.

वायरल वीडियो से पिछले साल चर्चा में आई थी रेणुका: दरअसल प्रथम श्रेणी से कस्तूरबा विद्यालय से12 वीं पास करने के बाद पैसे के अभाव में रेणुका पहाड़िया का दाखिला पास के चांडील कॉलेज में जब नहीं हो पाया औऱ सत्र निकल गया तब मदद मांगते हुए उसके वीडियो को किसी ने वायरल कर दिया था. वीडियो देखते ही कुणाल षाड़ंगी ने संज्ञान लिया और आकर रेणुका और उसके परिवार से भेंट की. तब उन्होंने परिवार को वायदा किया कि अगले सत्र से वह पढ़ पाएगी.

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