जाने इतिहास के किन-किन खबरों और जानकारियों ने 17 जुलाई को बनाया है खास…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क: 1. 1661 – इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय ने बंबई को पुर्तगाल से शादी के उपहार के रूप में प्राप्त किया:17 जुलाई 1661 को, इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय ने पुर्तगाली राजकुमारी कैथरीन ऑफ़ ब्रागांज़ा से विवाह किया और बंबई (अब मुंबई) को दहेज के रूप में प्राप्त किया। उस समय, बंबई एक छोटा सा मछली पकड़ने वाला गांव था, लेकिन यह सौदा इंग्लैंड के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक लाभ साबित हुआ। 1668 में, चार्ल्स द्वितीय ने बंबई को ईस्ट इंडिया कंपनी को पट्टे पर दे दिया, जिसने इसे एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र में विकसित किया।
2. 1906– बाल गंगाधर तिलक को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया:17 जुलाई 1906 को, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता बाल गंगाधर तिलक को ब्रिटिश सरकार ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया। तिलक ने अपने समाचार पत्र ‘केसरी’ में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार लेख लिखे थे, जिससे ब्रिटिश सरकार नाराज हो गई थी। उन्हें छह साल की सजा दी गई और मांडले जेल (अब म्यांमार में) भेजा गया। तिलक का नारा “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख नारा बन गया।
3. 1948 – ओ.पी. जिंदल का जन्म:17 जुलाई 1948 को हरियाणा के हिसार जिले में ओम प्रकाश जिंदल का जन्म हुआ। ओ.पी. जिंदल एक प्रमुख उद्योगपति और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने ‘जिंदल स्टील एंड पावर’ की स्थापना की, जो आज भारत की सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में से एक है। उनके योगदान के कारण, जिंदल परिवार भारतीय उद्योग जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
4. 1996 – भारत ने पहला स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया:17 जुलाई 1996 को, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सफलतापूर्वक पहला स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण किया। यह परीक्षण भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। इस इंजन का उपयोग उपग्रहों को भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने के लिए किया जाता है।
5. 2003 – पहली भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर का जन्म:17 जुलाई 2003 को, कोनेरू हम्पी भारत की पहली महिला शतरंज ग्रैंडमास्टर बनीं। वह भारत की सबसे सफल महिला शतरंज खिलाड़ियों में से एक हैं और उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
इन घटनाओं ने भारतीय इतिहास में 17 जुलाई को एक महत्वपूर्ण दिन बना दिया है।