यहां डिटेल में जानिए, क्या है बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला और क्या हैं इसमें ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी के कनेक्शन, कैसे हो रही अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से पैसों की बारिश

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पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी देशभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, पार्थ चटर्जी को ईडी ने हाल ही में गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ईडी ने अब तक 50 करोड़ रुपए और कई किलो सोना बरामद किया है। पार्थ चटर्जी को बंगाल के चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। कोलकाता हाईकोर्ट ने पिछले दिनों शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। ईडी इस मामले में मनी ट्रेल की जांच कर रही है।

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यह घोटाला 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं

टीईटी परीक्षा में फेल उम्मीदवारों को भी मिल गई नौकरी

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला है। कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ ऐसे भी उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी। जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की परीक्षा पास होना अनिवार्य है। इसी तरह से राज्य में 2016 में एसएससी द्वारा ग्रुप डी की 13000 भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थीं।

हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद ईडी ने शिक्षक भर्ती और कर्मचारियों की भर्ती के मालमे में मनी ट्रेल की जांच शुरू की थी। सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को पार्थ चटर्जी से पूछताछ भी की थी

कैसे ईडी के निशाने पर आई अर्पिता? 

ईडी ने इस मामले में इस साल मई में जांच शुरू की थी। ईडी ने 22 जुलाई को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। जब पार्थ चटर्जी से अर्पिता की पहचान पूछी गई, तो उन्होंने इस बारे में संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। इसके बाद ईडी के रडार पर अर्पिता मुखर्जी आ गईं। जब ईडी ने अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारा तो करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य दस्तावेज मिले। अर्पिता एक मॉडल हैं वे बंगला और ओडिशा फिल्मों में छोटे मोटे रोल करती रही हैं। इतना ही नहीं अर्पिता पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा में ब्रांड एंबेसडर रही हैं।

इसके बाद ईडी ने बुधवार को अर्पिता के दूसरे ठिकानों पर छापा मारा। ईडी को अर्पिता के घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला है. इसमें 2000 रुपए और 5000 रुपए के नोटों के बंडल थे। इसके अलावा ईडी को 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला है। इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल है। इतना ही नहीं इस ठिकाने से एक सोने का पैन भी मिला है

 रडार पर कौन कौन?

ईडी ने इस मामले में अब तक पार्थ चटर्जी, अर्पिता मुखर्जी, टीएमसी विधायक मणिक भट्टाचार्य से पूछताछ की है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के शिक्षा सचिव मनीष जैन से भी सीबीआई ने हाल ही में पूछताछ की थी। इस मामले में राज्य के एक और मंत्री परेश अधिकारी से भी ही में पूछताछ की थी। इस मामले में राज्य के एक और मंत्री परेश अधिकारी से भी पूछताछ हुई थी। इतना ही नहीं उनकी बेटी की टीचर की नौकरी भी चली गई। आरोप है कि अंकिता अधिकारी को नियमों को तांक पर रखकर नौकरी दी गई।

एक हफ्ते में क्या क्या हुआ

22 जुलाई- शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी ट्रेल की जांच कर रही ईडी ने पार्थ चटर्जी के आवास समेत 14 ठिकानों पर छापे मारे थे। इस दौरान ईडी को पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद 23 जुलाई को ईडी ने अर्पिता के कोलकाता के टोलीगंज में डायमंड सिटी कॉम्प्लेक्स स्थित फ्लैट में छापा मारा। इसके बाद इस घोटाले से जुड़ा फंड मिला। ईडी ने करीब 21 करोड़ रुपए बरामद किए।

24 जुलाई को ईडी ने अर्पिता और पार्थ को गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभी ईडी की कस्टडी में हैं और पूछताछ चल रही है। ईडी की पूछताछ में अर्पिता ने अपनी कुछ संपत्तियों के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद ईडी ने बुधवार को फिर छापेमारी की। 27 अप्रैल को ईडी ने अर्पिता के एक और फ्लैट पर छापा मारा। इस दौरान ईडी को करीब 28 करोड़ कैश और 4.3 करोड़ का गोल्ड बरामद हुआ।

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