UP चुनाव से पहले कांग्रेस के दमन को छोड़ भाजपा में शामिल हुए : जितिन प्रसाद

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नई दिल्ली: कांग्रेस आलाकमान से लंबे समय से नाराज चल रहे जितिन प्रसाद ने आज भाजपा का दामन थाम लिया. जितिन प्रसाद के पार्टी में शामिल होने के बाद सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर बधाई दी. पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के एक समय बेहद करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता में से एक थे. बीजेपी मुख्‍यालय में उन्‍होंने पार्टी की सदस्‍यता ग्रहण की. यूपी में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले जितिन का बीजेपी से जुड़ना, कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इस ‘ बदलाव’ के पहले जितिन की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ मुलाकात हुई थी. 47 वर्षीय जितिन प्रसाद, ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के बाद बीजेपी में जाने वाले राहुल गांधी के दूसरे सबसे करीबी नेता हैं. ज्‍योतिरादित्‍य ने पिछले साल बीजेपी ज्‍वॉइन की थी.

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जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल करके ब्राह्मण वर्ग तक अपनी पहुंच को और बढ़ाने का दांव चतुराई से चला है. इससे पहले पार्टी, पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाह रहे एके शर्मा को भी शामिल कर चुकी है.

कांग्रेस से 20 साल से जुड़े रहे जितिन की नाराजगी किसी से छुपी नहीं थी. कांग्रेस के उन 23 नेताओं के समूह का हिस्‍सा थे, जिन्‍होंने पार्टी में व्‍यापक सुधार की जरूरत बताते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्‍होंने पार्टी में पूर्णकालिक नेतृत्‍व की आवाज बुलंद की थी.

यूपी की धौराहरा सीट से पूर्व सांसद रहे जितिन, राज्‍य में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक रहे. जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद ने वर्ष 1999 में पार्टी में सोनिया गांधी के नेतृत्‍व को चुनौती दी थी और उनके खिलाफ पार्टी अध्‍यक्ष का चुनाव लड़ा था. जि‍तिन प्रसाद का जन्‍म यूपी के शाहजहांपुर में हुआ हैं, उसके पिता जितेन्‍द्र प्रसाद भी दिग्‍गज कांग्रेस नेता रहे हैं. वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में जितिन ने शाहजहांपुर और वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में धौरारा सीट से जीत हासिल की थी. हालांकि वष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्‍हें बीजेपी प्रत्‍याशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा.

 

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