Jharkhand Famous Temple: देश का एकमात्र मंदिर, जहां स्वतंत्रता दिवस के दिन फहराया जाता है तिरंगा…

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लोक आलोक न्यूज डेस्क/झारखंड :-हिंदुस्तान दुनिया में मंदिरों का देश कहा जाता है. इनमें कुछ मंदिर अपनी खास वास्तुकला, मान्यता और पूजा के नियमों में अलग ही मायने रखते हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम आपको ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां भगवान की भक्ति और धार्मिक झंडे के साथ राष्ट्रीय झंडे को भी फहराया जाता है.

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झारखंड की राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर की कहानी बेहद ही रोचक है. पहाड़ पर स्थित भगवान शिव का यह मंदिर देश की आजादी के पहले अंग्रेजों के कब्जें में था और वो यहां फ्रीडम फाइटर्स को फांसी दिया करते थे. आजादी के बाद से ही इंडिपेंडेंस डे और रिपब्लिक डे के दिन इस मंदिर पर धार्मिक झंडे के साथ राष्ट्रीय झंडे को भी फहराया जाता है. यह देश का पहला मंदिर है जहां तिरंगा फहराया जाता है.

समुद्र तल से 2140 फीट की ऊंचाई पर स्थित पहाड़ी मंदिर न केवल एक पूजनीय मंदिर है, बल्कि रांची, झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है जिसे स्थानीय रूप से पहाड़ी पहाड़ी कहा जाता है। इस पवित्र स्थान में पर्यटन का इतिहास भक्तों की धार्मिक भावनाओं और इस क्षेत्र के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता से जुड़ा हुआ है।

आजादी के बाद यहीं फहराया गया था रांची में पहला तिरंगा

आजादी के बाद रांची में पहला तिरंगा झंडा यहीं पर फहराया गया था, जिसे रांची के ही एक स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण चन्द्र दास ने फहराया था. उन्होंने यहां पर शहीद हुए फ्रीडम फाइटर्स की याद और सम्मान में तिरंगा फहराया था. उसी समय से हर साल इंडिपेंडेंस डे और रिपब्लिक डे पर यहां तिरंगा फहराया जाता है. पहाड़ी मंदिर में एक पत्थर लगा हुआ है, जिसपर जिसमें 14 और 15 अगस्त, 1947 की आधी रात को देश की आजादी का मैसेज लिखा हुआ है

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यह मंदिर समुद्र तल से 2140 फीट और जमीन से 350 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. मंदिर तक पहुंचाने के लिए 468 सीढियां चढ़नी पड़ती है. मंदिर से पूरा रांची शहर का देखा जा सकता है. पहाड़ी मंदिर में भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा की जाती है. शिवरात्रि और सावन के महीने में यहां शिव भक्तों की काफी भीड़ रहती है.

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