जमशेदपुर लौहनगरी के साथ भक्तिनगरी भी है, जमशेदपुर में आदिवासी बच्चियों के लिए बने आश्रम :- परम पूज्य गौरांगी गौरी जी
जमशेदपुर :- जमशेदपुर को लौहनगरी के अलावा भक्ति नगरी भी कहना चाहिए यह बाते अयोध्या से आई कथा वाचक गौरांगी गौरी ने कही. रविवार को गौरांगी प्रेस को संबोधित कर रही थी. गौरांगी 21 फरवरी से 28 फरवरी तक शहर में है. इस दौरान सूर्य मंदिर में उनके द्वारा कथा सुनाई जा रही है. प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जमशेदपुर लौहनगरी के साथ-साथ भक्ति नगरी भी है. यहां के लोग भक्ति में लीन हो जाते है. जमशेदपुर में वह पहली बार आई है. पहली बार में ही यहां के लोगों ने उनका मन मोह लिया है. इसके पूर्व उन्होंने यूरोप में अपना कार्यक्रम किया था. उन्होंने बताया कि पहले दिन से ही कथा सुनने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रही थी. कथा खत्म होने तक लोग बैठे रहते है. उन्होंने कहा कि भारत में संस्कृति विलुप्त होती जा रही है जबकि पश्चिमी सभ्यता के लोग भारतीय सभ्यता को अपना रहे है. युवाओं को अब मंदिर या जाने में शर्म आ रही है. पहले की तरह अब लोग मंदिर नहीं जा रहे है.
राम मंदिर को बनते देखना सौभाग्य की बात
राम मंदिर बनने के बारे में उन्होने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि वो राम मंदिर बनते देख रही है. राम मंदिर के लिए कई लोगों ने अपने प्राण की अहूति दी. अब जाकर सपना पूरा हो रहा है. अब राम लला मंदिर में विराजमान होंगे.उन्होंने कहा कि भारत में संस्कृति खत्म होती जा रही है. लोग रुपये कमाने के लिए भगवान को भूल जा रहे है. यह सब भगवान की ही देन है. सत्संग में आने से विवेक की प्राप्ति होगी.
जमशेदपुर में आदिवासी बच्चियों के लिए बने आश्रम
उन्होंने कहा कि जमशेदपुर आने के बाद वे गौशाला गई जहां उन्हे गायों को देखकर आनंद प्राप्त हुआ इसके अलावा वह भुवनेश्वरी मंदिर भी गई. उन्होने कहा कि जमशेदपुर में आदिवासियों के लिए एक आश्रम का निर्माण होना चाहिए जहां आदिवासी बच्चियों को रहने और पढ़ने की व्यवस्था हो. इसके अलावा वहां मंदिर का भी निर्माण कराया जाए.