मुंबई हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में झारखंड और छत्तीसगढ़ के आईपीएस अफसरों की बड़ी भूमिका, महिला अधिकारी भी रहीं शामिल…



लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने की कार्रवाई में झारखंड और छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम में शामिल तीन अधिकारियों की मेहनत और समन्वय से यह बड़ी कार्रवाई सफल हो पाई।


इस विशेष टीम में 1997 बैच के झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा, छत्तीसगढ़ कैडर के प्रभात कुमार, और झारखंड कैडर की तेजतर्रार महिला आईपीएस जया रॉय शामिल थीं।
नक्सल ऑपरेशनों से लेकर आतंकवाद तक: आशीष बत्रा की अहम भूमिका
वर्तमान में एनआईए में आईजी पद पर तैनात आशीष बत्रा इससे पहले झारखंड जगुआर के आईजी रह चुके हैं। उन्हें नक्सल विरोधी अभियानों में सफलता के लिए जाना जाता है। बत्रा का एनआईए में कार्यकाल 2024 तक बढ़ाया गया है।
दिल्ली एयरपोर्ट से एनआईए तक प्रभात कुमार की सटीक कमान
एनआईए में एसपी के पद पर कार्यरत प्रभात कुमार ने राणा के प्रत्यर्पण की पूरी लॉजिस्टिक प्लानिंग संभाली। उन्हें तेजतर्रार और कुशल अफसर के रूप में पहचाना जाता है।
महिला अधिकारी जया रॉय की चुपचाप बड़ी भागीदारी
झारखंड कैडर की महिला आईपीएस अधिकारी जया रॉय भी इस टीम का हिस्सा रहीं। उन्होंने इस अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन में कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एनआईए की इस सफलता के पीछे इन अधिकारियों की मेहनत और रणनीति को बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे भारत को एक कुख्यात आतंकी को उसके अपराधों के लिए न्याय के कटघरे में लाने का मौका मिला है।
