भारत बंद की भेंट चढ़ी मासूम जानः झारखंड में किशोरी की मौत ने उठाए कई सवाल…

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झारखंड/धनबाद:–21 अगस्त को आयोजित भारत बंद ने झारखंड के धनबाद जिले में एक मासूम किशोरी की जान ले ली, जिससे पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। एसटी-एससी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आहूत झारखंड बंद के दौरान जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर सड़कें जाम कर दी गईं। यह विरोध प्रदर्शन केवल सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का माध्यम नहीं बना, बल्कि एक दुखद घटना का कारण भी बन गया।

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धनबाद के शासनबेरिया पंचेरी की 14 वर्षीय पायल कुमारी को इस बंद का खामियाजा अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। पायल अपने घर के पास बुधवार (21 अगस्त) को एक अज्ञात दोपहिया वाहन की चपेट में आ गई थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। परिवार वाले उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन झारखंड बंद की वजह से यह मुमकिन नहीं हो सका।

परिजन अपनी बेटी को लेकर एसएनएमएमसीएच (शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन कई जगहों पर बंद समर्थकों द्वारा लगाए गए अवरोधकों की वजह से सड़कें जाम थीं। इस जाम ने उनके लिए अस्पताल पहुंचने का रास्ता मुश्किल और लंबा बना दिया। जब वे किसी तरह अस्पताल पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पायल को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस घटना ने न केवल पायल के परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है, बल्कि समाज के सामने भी एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और उनके मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी बेटी की जान बचाई जा सकती थी, अगर सड़कें बंद नहीं होतीं?

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पायल कुमारी की मौत ने इस बात पर जोर दिया है कि किसी भी विरोध या आंदोलन के दौरान मानवता और संवेदनशीलता को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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