भारत को मिला अपना पहला गोल्ड, नीरज चोपड़ा ने खत्म किया 100 साल का सूखा, राष्ट्रपति व प्रधान मंत्री ने कहा टोक्यो में लिखा इतिहास

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टोक्यो ओलंपिक : नीरज चोपड़ा ने खत्म किया 100 साल का सूखा, एथलेटिक्स में दिलाया पहला गोल्ड. जेवलिन थ्रो फाइनल में भारत के भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है. ओलंपिक में ऐसा कारनामा करने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने. नीरज ने अपने पहले थ्रो में 87.03 मीटर दूर भाला फेंका है. नीरज से सभी को मेडल की उम्मीद है. दूसरी ओर जर्मनी के जोहानस वेटर ने अपने पहले प्रयास में 82.52 मीटर का थ्रो किया है. पाकिस्तान के अरशद नदीम ने पहले प्रयास में भाला 82.40 मीटर थ्रो फेंका है. अभी नीरज ही टॉप पर हैं.  दूसरे प्रयास में भी नीरज ने कमाल किया और उन्होंने दूसरे प्रयास में 87.58 मी. दूर भाला पेंका है. तीसरे प्रयास में नीरज ने 76.79 मी. दूर भाला फेंका है. तीनों प्रयास के बाद भारत के नीरज चोपड़ा टॉप पर चल रहे हैं. पाकिस्तान के नदीम चौथे स्थान पर हैं. नीरज चोपड़ा का चौथा थ्रो फाउल रहा है. पांचवीं कोशिश भी नीरज की फाउल हो गई है.

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पांचवीं कोशिश में नीरज चोपड़ा की कोशिश एक बार फि से बेकार चली गयी और इसमें भी उन्होंने फाउल कर दिया. बहरहाल, नीरज पांच कोशिशों के बाद शीर्ष पर बरकार रहे. पांचवीं कोशिश में चेकगणराज्य के जैकब वैदलैक ने गजब की ताकत दिखायी और वह 86.67 की दूरी पर भाला फेंक कर तीसरे नंबर पर आ गए. वहीं पांचवें स्थान पर चल रहे पाकिस्तानी अरशद नदीम ने पांचवीं कोशिश में 81.98 मी. की दूरी तय की. वहीं, लंदन ओलिंपिक के ब्रांड मेडलिस्ट चेकगणराज्य के वितास्लेव वेलसी ने पांचवीं कोशिश में 84.98 मी. दूरी पर भाला फेंका और कांस्य की होड़ में खुद को बनाए रखा.

पहले राउंड की तीसरी कोशिश में नीरज थोड़े बदलने नजर आए. थोड़े से बहके हुए से और पिछले दो थ्रो की तुलना में तकनीक भी पिछले दो थ्रो जैसी नहीं थी. शायद प्रयास में तीव्रता भी पिछली दो कोशिशों जैसी नहीं रही. नतीजा यह रहा कि नीरज तीसरी कोशिश में 76.79 मी. की दूरी ही माप सके.

दूसरी कोशिश में शुरुआत सबसे पहले नीरज चोपड़ा ने ही की. और उन्होंने मानो वहीं से शुरुआत की, जहां छोड़ा था. वही ऊर्जा, वही ताजगी और वही दमखम. और नतीजा यह निकला कि चोपड़ा पहले राउंड से भी आगे निकल गए. इस कोशिस में नरीज ने 87.58 मी. दूरी पर भाला फेंका.

वहीं, सत्र में सर्वश्रेष्ठ करने वाले जर्मनी के जुलियन वेबर का इस राउंड में भाला पहले प्रयास को भी पार नहीं कर सका. वास्तव में वेबर बहुत ही पीछे रह गए और दूसरी कोशिश में वह पहले की तुलना में लगभग दस मी. पीछे रह गए. वेबर ने पहली कोशिश में 85.30 मी. दूरी तय की थी, लेकिन इस बार वह 77.90 मी. दूर ही भाला फेंक सके. पहले राउंड की दूसरी कोशिश में भी नीरज ने शीर्ष पर रहते हुए समाप्ति की.

नीरज मेडल जीतने में सफल रहे तो उनके नाम एक बड़ा कारनामा दर्ज हो जाएगा. ओलंपिक के इतिहास में किसी भारतीय ने ट्रैक और फील्ड एथलेटिक्स में मेडल नहीं जीता है. बता दें कि नीरज ने अपने क्‍वालिफिकेशन राउंड में  पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो किया था और सीधे फाइनल में पहुंचे थे. फाइनल में नीरज को सबसे बड़ी चुनौती जर्मनी के जोहानस वेटर से मिलने वाली है. जिन्होंने 85.64 मीटर भाला फेंककर फाइनल में जगह बनाई थी. बता दें कि जर्मनी के वेटर का पर्सनल रिकॉर्ड 97.76 मीटर भाला फेंकने का रहा है. इसके साथ-साथ भारतीय थ्रोअर के सामने पाकिस्तान के अरशद नदीम की भी चुनौती होगी. पाकिस्तान के अरशद ने 85.16 मीटर भाला फेंककर ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाई है.

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