सरला बिरला विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र का उद्घाटन, अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर भव्य कार्यक्रम

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रांची :- सरला बिरला विश्वविद्यालय (एसबीयू) में शुक्रवार को भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र (IKS) का उद्घाटन किया गया। इसी दिन पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती पर एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें उनकी जीवनगाथा और योगदान को श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड, श्री चंपई सोरेन ने केंद्र का उद्घाटन किया और इसे भारत की स्वदेशी ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत लाभकारी होगी।

कार्यक्रम की शुरुआत राधा-कृष्ण, भगवान महादेव और अहिल्याबाई होलकर को पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। भक्तिवेदांत विद्याभवन गुरुकुल, रांची के छात्रों ने तुलसी आरती प्रस्तुत की। भाजपा झारखंड के महामंत्री कर्मवीर सिंह ने अहिल्याबाई के सनातन धर्म के उत्थान में योगदान की सराहना की और विश्वविद्यालय की इस पहल को बधाई दी।

राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप वर्मा ने समकालीन शिक्षा में भारतीय मूल्यों की महत्ता पर ज़ोर दिया। विश्वविद्यालय की प्रो. नीलिमा पाठक ने केंद्र के उद्देश्यों और भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देने की योजना पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रो. जगनाथन चोकलिंगम ने शैक्षणिक प्रतिबद्धता दोहराई, जबकि महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने अहिल्याबाई होलकर के प्रेरणादायक जीवन का संक्षिप्त विवरण दिया।

टाटा पावर के गोपाल प्रसाद बर्णवाल ने आधुनिक शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेश की जरूरत बताई। गुरुकुल के असीम कृष्ण दास और गदाधर दास ने पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा प्रणाली के एकीकरण पर विचार साझा किए। कार्यक्रम में अहिल्याबाई होलकर पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया।

कार्यक्रम का संचालन सुधीर कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आर. एम. झा ने प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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