सावन के महीने में सुहागिन महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां और वस्त्र में खूब सजती है : अंकिता सिन्हा
जमशेदपुर। सावन का महीना अविवाहित युवतियों और सुहागिनों महिलाओं के लिए खास होता है। अविवाहित युवतियां अपने मनपसंद जीवन साथी के लिए और सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु के लिए सावन के महीने में हर सोमवार को व्रत करती है। ऐसा माना जाता है कि सावन का महीना भगवान भोले शंकर की उपासना के साथ उनकी अर्धांगिनी मां पार्वती के त्याग और पवित्रता धर्म को पूजने का भी माना जाता है। इसलिए सावन के महीने में हर मंगलवार को महिलाएं मंगला गौरी का व्रत भी करती है। सावन के महीने में सब कुछ हरा हरा दिखाई देता है। सावन के इस पावन महीने में महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां और हरे रंग की साड़ियां और सूट पहनती है। ऐसा करने से पति की आयु दीर्घ होता है और भोलेनाथ उनसे जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। वर्ष 2021 में पिछले 25 जुलाई से सावन प्रारंभ हो गया है। हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष भी मंदिरों में पूजा के लिए सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिली है इसके बावजूद महिलाएं और पुरुष अपने अपने घरों में भगवान शिव की पूजन और आराधना कर रहे हैं। देवघर हो या फिर काशी विश्वनाथ मंदिर या फिर उज्जैन का महाकालेश्वर हो या ओम कालेश्वर हर जगह शिव भक्तों के लिए ऑनलाइन पूजा हो रही है और भोले शिव शंकर का दर्शन शिवभक्त कर रहे हैं। सावन के महीने में महिलाओं को रोजाना स्नान करके और भगवान भोले शंकर को जल चढ़ाने के बाद ही खुद अन्य ग्रहण करना चाहिए। उन्हें पंचामृत चढ़ाना चाहिए। बेलपत्र चढ़ाना चाहिए और उसके बाद शिव चालीसा का भी पाठ करना चाहिए। विवाहित महिलाओं के लिए दूसरा सबसे अहम बात है कि सावन के महीने में हरी चूड़ियां पहने ऐसा माना जाता है कि हरी चूड़ियां पहनने वाली महिलाओं से भोले बाबा जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें सदा सौभाग्यवती रहने व उनके पति को दीर्घायु रहने का आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ ही शादीशुदा महिलाओं को सावन के महीने में मंगलसूत्र भी जरूर पढ़ना चाहिए इस बात का खास ध्यान रखें कि आप कहीं से भी टूटा हुआ हो। वहीं दूसरी ओर विवाहित महिलाओं को काले कपड़े कभी नहीं पढ़नी चाहिए, हो सके सावन के महीने में तो वह काले कपड़े भूल कर भी कभी ना पहने, क्योंकि काले वस्त्रों को सुहागिन महिलाओं के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। सावन में सुहागिन महिलाओं को लाल, पीले और हरे रंग के कपड़े ही अधिक पढ़ने चाहिए। सावन के महीने में महिलाओं को श्रृंगार की वस्तुओं का दान भी करना चाहिए। इसके साथ है इस महीने में सुहागिन महिलाओं को कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए और ना ही किसी से ऊंची आवाज में बात करनी चाहिए परिवार में भी किसी से वाद-विवाद करने से बचना चाहिए।
अंकिता सिन्हा
कवयित्री
जमशेदपुर (झारखंड)