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जमशेदपुर :- शहर में साहित्यिक गतिविधियों के क्षेत्र में अग्रणी सृजन संवाद के मंच तले बुधवार की शाम 120 वीं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आभासी पटल पर आयोजित इस संगोष्ठी में करीम सिटी कॉलेज का मास कम्युनिकेशन विभाग एवं न्यू दिल्ली फिल्म फाउंडेशन सहयोगी थे।सृजन संवाद के इस कार्यक्रम में इस बार आमंत्रित लेखक थे अनिरुद्ध भट्टाचार्य जी जिन्होंने सुप्रसिद्ध गायक व अभिनेता श्री किशोर कुमार की जीवनी लिखी है। किशोर कुमार द अल्टीमेट बायोग्राफी नाम की यह किताब हापर कालिन प्रकाशन से इसी वर्ष प्रकाशित हुई है। अनिरुद्ध भट्टाचार्य जी ने यह किताब असम के पार्थिव धर के साथ संयुक्त रूप से लिखी है। शोध परक इस पुस्तक में किशोर कुमार के जीवन के कई अनछुए पहलू हैं जिन्हें बेहद रोचक तरीके से रखा गया है। कार्यक्रम की शुरुआत न्यू दिल्ली फिल्म फाउंडेशन के फाउंडर डायरेक्टर श्री आशीष कुमार सिंह के परिचय सत्र से हुई। इसके बाद कार्यक्रम की संयोजिका डॉ विजय शर्मा ने स्वागत संबोधन के माध्यम से सृजन संवाद के लक्ष्य को रेखांकित किया। तदुपरांत मास कम्युनिकेशन की विभागाध्यक्ष डॉ नेहा तिवारी एवं अतिथि लेखक श्री अनिरुद्ध भट्टाचार्य जी के बीच बातचीत शुरू हुई । प्रश्नोत्तर पर आधारित इस सत्र का संचालन करते हुए डॉ नेहा तिवारी ने अनिरुद्ध भट्टाचार्य जी से उनके लेखकीय जीवन, लेखन शैली एवं किताब में उपस्थित किशोर कुमार के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की जिसका अनिरुद्ध जी ने हिंदी अंग्रेजी मिश्रित भाषा में बेहद माकूल और विस्तृत जवाब दिया। लगभग डेढ़ घंटे तक चले इस सत्र में अनिरुद्ध जी ने बताया कि कैसे लगभग 24 साल के शोध के बाद यह पुस्तक सामने आई है। किशोर कुमार जी के जीवन की सही जानकारी लेने के लिए उन्होंने प्राथमिक स्रोतों का सहारा लिया है और स्वयं खंडवा कोलकाता और मुंबई की यात्राएं की हैं। इस पूरे कार्यकाल में दिये गए अनेक साक्षात्कार व ऐसे लोगों से मिलना भी शामिल है जो किशोर कुमार को नजदीक से जानते थे। कार्यक्रम के दौरान यह भी सामने आया कि यह किताब न सिर्फ किशोर कुमार को जानने के लिए बल्कि भारतीय सिनेमा के प्रारंभिक इतिहास को जानने के लिए भी एक अच्छी पुस्तक साबित हो सकती है। उल्लेखनीय है कि अनिरुद्ध जी ने इसे बेहद ही विनोद पूर्ण तरीके से लिखा है जोकि किशोर कुमार की भी शैली रही है। अनिरुद्ध किशोर कुमार को अल्टीमेट म्यूजिकल मैन करार देते हैं पर साथ ही स्वीकार करते हैं कि उनका जीवन इतने विरोधाभास से भरा है कि उसमें से किशोर कुमार असल में कौन थे, यह जानना बहुत कठिन काम है। साथ ही यह भी कहते हैं कि हमें उस किशोर कुमार से ही सरोकार रखना चाहिए जो हमेशा दैनिक जीवन में दिखता रहा और जिससे हमने एक श्रोता और दर्शक के रूप में प्यार किया है। कलाकार बेहद संवेदनशील होते हैं और उनके हृदय में कई रहें होती हैं जिन्हें समझना मुश्किल होता है। एक सवाल के जवाब में अनिरुद्ध जी ने किशोर कुमार की खुद को हमेशा श्रेष्ठ बनाने की महत्वाकांक्षा का जिक्र करते हुए बताया कि किशोर कुमार की अपनी कला को बेहतर बनाने की ललक ने उन्हें बिना शास्त्रीय गायन में औपचारिक शिक्षण प्राप्त किए ही हिंदी सिनेमा का उत्कृष्ट गायक बना दिया। सवाल जवाब की प्रक्रिया में राजेश खन्ना, आरडी बर्मन और किशोर कुमार की तिकड़ी की उपलब्धियों की भी चर्चा हुई। साथ ही नायक के मुताबिक अपनी आवाज को ढाल लेने किशोर कुमार की क्षमता की भी। देशभर से जुड़े तमाम सिने प्रेमी एवं साहित्य प्रेमियों ने भी कई सवाल अनिरुद्ध जी से किए जिसमें दिल्ली की जयति सरकार, गोलिया के प्रमोद बर्नवाल, जमशेदपुर के यश रायचंद एवं अंजुला सिन्हा शामिल थे। कार्यक्रम में वरिष्ठ सिने लेखक मनमोहन चड्ढा, बनारस से जयदेव दास, साहित्यकार गीता दुबे, रक्षा गीता भी शामिल थे। इस कार्यक्रम में करीम सिटी कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग के छात्र-छात्राएं एवं फैकल्टी मेंबर्स भी शामिल थे। तकनीकी सहयोग मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के शाहजेब परवेज़ का रहा। धन्यवाद ज्ञापन आकाशवाणी जमशेदपुर के वरिष्ठ उद्घोषक एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उद्घोषक श्री शाहिद अनवर ने बेहद आकर्षक तरीके से किया। कार्यक्रम का समापन अनिरुद्ध जी के किशोर कुमार के गाए एक मजेदार गीत के गुनगुनाने से हुआ। नि:संदेह लेखकीय क्षमता के साथ गायन की समझ ने हीं उन्हें किशोर कुमार के जीवन का उत्कृष्ट जीवनीकार बना दिया है।उल्लेखनीय है कि अनिरुद्ध जी ने इससे पहले आर डी बर्मन और एसडी बर्मन की जीवनी भी लिखी है जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है।

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