बगैर चिकित्सक व परमिशन के चल रहा जिले में धड़ल्ले से अवैध अल्ट्रासाउंड व पैथोलॉजी, लिंग परीक्षण कर की जा रही भ्रूण हत्याएं, फर्जी रिपोर्ट पर लिखी जा रही दावा,बढ़ रहा बीमारी ,स्वास्थ्य विभाग खामोश
सासाराम/बिक्रमगंज/डेहरी (संवाददाता ):- जिले के स्वास्थ्य विभाग समेत जिला प्रशासन की उदासीनता व अर्थलोलुप्ता की वजह से बगैर चिकित्सक व परमिशन के जिले के विभिन्न हिस्सों में अल्ट्रासाउंड एवं पैथोलॉजी धड़ल्ले से संचालित है।जहां बगैर चिकित्सक के टेक्नीशियन के सहारे लिंग परीक्षण कर भ्रूण हत्याए कराई जा रही है। वही कुकुरमुत्ते की तरह खुले पैथोलॉजी में भी खून पेशाब की जांच कर गलत रिपोर्ट लोगो को थमाया जा रहा है।जिसपर कमीशनखोर चिकित्सक फर्जी रिपोर्ट को ही सही मानकर नए उत्पादयुक्त दावा लिख दे रहे है।जिससे बीमारी कम होने के बजाय बढ़ते ही चला जा रहा है।बताया जा रहा है कि जिला मुख्यालय सासाराम समेत जिले के बिक्रमगंज व डेहरी अनुमंडल के अलावा विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों एवं प्रमुख बाजारों में खुले अधिकांश अल्ट्रासाउंड व पैथोलॉजी बगैर परमिशन व चिकित्सक के खुले हुए है ।जो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं प्राइवेट क्लिनिक व नर्सिंग होम के चिकित्सकों से मिलीभगत कर संचालित है।सूत्रों का दावा है कि जिले के अंदर कुकुरमुत्ते की तरह संचालित अल्ट्रासाउंड व पैथोलॉजी में एक दो को छोड़ अधिकांश अल्ट्रासाउंड व पैथलॉजी का न तो जिले के स्वास्थ्य विभाग से परमिशन प्राप्त है और न ही इनमे चिकित्सक है ।संचालित यह गोरखधंधा टेक्निशियन के बदौलत स्थानीय चिकित्सकों से अपनी साठगांठ कर बेख़ौफ़ चलाई जा रही है ।जिस पर जहा चिकित्सकों का पचास प्रतिशत कमीशन देय होता है। वही खामोश रहने के लिए जिला,अनुमंडल व प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को भी एक मुश्त मोटी रकम पहुचवाने का बाते कही जा रही है।सूत्रों के बातो पर यकीन करें तो जिले के अंदर खुले अधिकांश अल्ट्रासाउंड केंद्रों में लिंग परीक्षण के कार्यो को अंजाम देकर मोटी कमाई की जा रही है।जिसमे नीचे से ऊपर तक सबकी सहभागिता समाहित होने की चर्चाएं परवान पर है।ऐसे अल्ट्रासाउंड जिले के विभिन्न अनुमंडलों एवं प्रमुख बाजारों में स्थापित है।जो केवल इसी कार्य को अंजाम दिया जाता है।जहां महिलाओं की भीड़ लगी रहती है।बिक्रमगंज के रजिस्ट्री ऑफिस के समीप ऐसे दो तीन अल्ट्रासाउंड होने की चर्चा खूब सुर्खियां बटोर रही है।फिर भी स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रशासन अनभिज्ञ है।या फिर लक्ष्मी के माया में देखना या सुनना ही पसंद नही करती ।यह यक्ष प्रश्न बना है।