आईआईएफएल गोल्ड फाइनेंस कंपनी की मनमर्जी, चार हजार के लिए बिना नोटिस के छह लाख का सोना किया नीलाम,
जमशेदपुर: मामला जुगसलाई वीर कुंवर सिंह चौक के पास स्थित आइआइएफएल गोल्ड लोन फाइनांस कंपनी का है जहाँ जैंतगढ़ के कस्टमर सुशांत कुमार पवार का साढ़े छह लाख रुपये मूल्य का सोना बिना किसी नोटिस के कंपनी की ओर से नीलाम कर दिया गया. जब सुशांत कुमार को इसकी जानकारी मिली तो वह तुरंत जुगसलाई स्थित आइआइएफएल के कार्यालय पहुंचे और कारण जानने कि कोशिश की. इस दौरान उन्हें बताया गया कि उन्होंने हजार रुपये सूद नहीं जमा किया था जिस वजह से ये कदम उठाया गया. इस जानकारी के बाद सुशांत कुमार और उनकी पत्नी काफी परेशान है. दंपति ने समझाने कि कोशिश कि पर उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. अब तक उन्हें यह कह दिया गया है कि उन्हें साढ़े छह लाख रुपये के बदले में कंपनी की ओर से मात्र 14000 रुपये ही दिये जायेंगे. मंगलवार को वे अपनी पत्नी और बच्चा के साथ जुगसलाई पहुंचे हुये हैं और कंपनी के भीतर के काम-काज को रोकवा दिया है.
सुशांत के अनुसार कंपनी के अधिकारी उनकी कोई बात नहीं सुन रहे हैं. जब उन्होंने कारण जानना चाहा कि आखिर बिना नोटिस के ही उनका सोना कैसे नीलाम कर दिया गया. तब इसका जवाब अधिकारियों ने नहीं दिया. उन्हें लगा कि उनका सोना का रेड साढ़े छह लाख रुपये लगाया गया है तो उन्हें सारे रुपये मिल जायेंगे, लेकिन इसके एवज में उन्हें मात्र 14000 रुपये ही दिये जा रहे हैं. जबकि नीलाम में सोना का मूल्य 9 लाख रुपये बताया गया है.
सुशांत का कहना है कि फरवरी 2022 में उनकी पत्नी गर्भवती थी जिस वजह से उसमें काफी खर्च हो गये थे. उनका सूद 30 हजार रुपये हो गया था. इस बीच उन्होंने 26000 रुपये जमा करना चाहा, लेकिन कंपनी की ओर से कहा गया कि पूरा रुपये जमा नहीं करने पर नहीं लिया जायेगा. इसके बाद बिना नोटिस के ही उनका सोना नीलाम कर दिया गया. सुशांत काक कहना है कि उनका सोना का पुराने रेट से 6 लाख 39 हजार रुपये बताया गया था जबकि नये रेट से 9 लाख रुपये. इधर मैनेजर राम गिरी का कहना है कि सोना नीलाम करने के पहले इसकी नोटिस सुशांत के नाम भेजी गयी थी. मैनेजर ने कहा कि वे छह माह से कार्यरत हैं. नियम के हिसाब से उन्हें 14000 रुपये ही मिलेंगे. अब वे कुछ भी नहीं कर सकते हैं. वहीं सुशांत ने मामले में बैंक के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी चेतावनी दी है.
सुशांत ने बताया कि वे डंपर आदि का काम करते हैं. यहां पर वे 8 साल से सोना देकर लोन लेने का काम कर रहे हैं. शुरू में मात्र 50 ग्राम सोना देकर लोन लिया था. तब मैनेजर ने कहा था कि सोना जमा करिये और लोन लीजिए. सोना बिल्कुल सुरक्षित रहेगा. कोरोनाकाल के पहले 170 ग्राम सोना देकर 5 लाख 2000 रुपये का लोन लिया था. कोविडकाल में सूद देने में परेशानी हो रही थी. बीच में 50 हजार रुपये बकाया था, जिसे जमा कर दिया.