दो उम्मीदवारों को बराबर वोट मिले तो कैसे तय होती है जीत? जानें लोकसभा चुनाव की मतगणना से जुड़ी खास बातें…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- लोकसभा चुनाव की मतगणना के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सभी मतगणना केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी रखी जाएगी और तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था में मतगणना कराई जाएगी. यूपी में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए विजय जुलूस पर भी रोक लगाने का फैसला किया गया है. इस बीच यह समझना भी जरूरी है कि लोकसभा चुनाव में वोटों की गिनती कैसे की जाती है और इसकी प्रक्रिया क्या है.
हिंदुस्तान की सत्ता के अगले जनादेश के लिए सबकी तैयारियां जोरों पर हैं. एक तरफ आयोग सबसे बड़े इम्तिहान का नतीजा बताने की तैयारी कर रहा है. दूसरी तरफ जीत का जश्न मनाने के लिए मिठाइयां तैयार की जा रही हैं. तीसरी तरफ विपक्ष नतीजों को नकारने की तैयारी करती नजर आ रहा है. और तैयारी भी ऐसी कि सरकार पर वार करते-करते विपक्ष अब चुनाव आयोग की कार्यशैली तक पर सवाल उठाने लगा है.
मंगलवार को होने वाली मतगणना के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सभी मतगणना केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी रखी जाएगी और तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था में मतगणना कराई जाएगी. यूपी में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए विजय जुलूस पर भी रोक लगाने का फैसला किया गया है. इस बीच यह समझना भी जरूरी है कि लोकसभा चुनाव में वोटों की गिनती कैसे की जाती है और इसकी प्रक्रिया क्या है. आइए जानते हैं-
– कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के नियम 54 ए के तहत, पोस्टल बैलेट की गिनती सबसे पहले रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) की टेबल पर शुरू की जाएगी.
– केवल ऐसे पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी जो मतगणना शुरू होने के लिए निर्धारित समय से पहले आरओ को प्राप्त हो जाएं.
– पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के 30 मिनट बाद ईवीएम से मतों की गिनती शुरू की जानी चाहिए.
काउंटिंग सेंटर में 14 टेबल होते हैं. इसके अलावा एक-एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर और ऑब्जर्वर के लिए भी होता है. काउंटिंग सेंटर में उम्मीदवार या उनके एजेंट को मौजूद रहने की इजाजत रहती है.
– EVM के वोटों की गिनती अलग-अलग राउंड्स में होती है. हर राउंड में 14 EVM के वोट गिने जाते हैं. हर राउंड के बाद एजेंट से फॉर्म 17-C हस्ताक्षर करवाया जाता है और फिर RO को दे दिया जाता है.
– यदि निर्वाचन क्षेत्र में डाक मतपत्र नहीं है, तो ईवीएम से मतों की गिनती निर्धारित समय पर शुरू की जा सकती है.
– वोटों की गिनती के लिए मतदान केंद्र में इस्तेमाल की गई ईवीएम की कंट्रोल यूनिट (सीयू) के साथ फॉर्म 17सी की ही जरूरत होती है.
– ईवीएम के सीयू से रिजल्ट जानने से पहले, मतगणना अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उन पर लगी पेपर सील बरकरार है और डाले गए कुल मत फॉर्म 17सी में उल्लिखित मतों से मेल खाते हैं.
– कंट्रोल यूनिट का रिजल्ट मतगणना पर्यवेक्षक, माइक्रो ऑब्जर्वर और उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को दिखाने के बाद फॉर्म 17सी के भाग-II में नोट किया जाएगा.
– कंट्रोल यूनिट के डिस्प्ले पैनल में रिजल्ट प्रदर्शित न होने की स्थिति में, सभी सीयू की गणना पूरी होने के बाद संबंधित वीवीपैट की वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाएगी.
काउंटिंग हॉल में एक ब्लैकबोर्ड भी होता है, जिसमें हर राउंड के बाद हर प्रत्याशी को कितने वोट मिले, ये लिखा जाता है. फिर लाउडस्पीकर से घोषणा की जाती है. इसे ही रूझान कहा जाता है.
– काउंटिंग हॉल के अंदर मोबाइल फोन ले जाना मना होता है. अंदर मीडिया वालों को भी आने की इजाजत नहीं होती. सिर्फ ऑफिशियल कैमरा से ही वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है. दूसरे कैमरे से रिकॉर्डिंग नहीं की जा सकती.
– प्रत्येक सीयू का उम्मीदवार-वार परिणाम फॉर्म 17सी के भाग II में नोट किया जाएगा और मतगणना पर्यवेक्षक और मतगणना टेबल पर मौजूद उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों द्वारा साइन किया जाएगा.
– प्रत्येक मतदान केंद्र का फॉर्म 17सी फॉर्म 20 में फाइनल रिजल्ट शीट संकलित करने वाले अधिकारी को भेजा जाना चाहिए.
– वीवीपैट पर्चियों की गणना सीयू से मतों की गणना पूरी होने के बाद ही शुरू होगी.
– प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र/संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में रैंडमली चयनित पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन मतगणना पूरी होने के बाद ही किया जाएगा.
– जब जीत का अंतर रिजेक्ट किए गए बैलेट पेपर की संख्या से कम हो, तो रिजल्ट घोषित करने से पहले ऐसे सभी रिजेक्ट किए गए बैलेट पेपरों का अनिवार्य रूप से पुनः सत्यापन किया जाएगा.
यदि दो उम्मीदवारों को समान संख्या में वोट मिले होते हैं, तो रिजल्ट लॉटरी यानी ड्रॉ के जरिए घोषित किया जाएगा.
एग्जिट पोल में NDA को बहुमत
बता दें कि इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एक बार फिर NDA की सरकार बनती दिख रही है. एग्जिट पोल के मुताबिक, NDA को 361-401, INDIA को 131-166 और अन्य को 8-20 सीटें मिलने का अनुमान है. एग्जिट पोल के मुताबिक भाजपा कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे दक्षिणी राज्यों में महत्वपूर्ण बढ़त बना रही है. वहीं ओडिशा और बंगाल में भारी उलटफेर का संकेत दिया गया है. इन दोनों राज्यों में भगवा पार्टी को क्रमशः नवीन पटनायक की बीजेडी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पर बढ़त दी गई है.