शिक्षिका को मिली खाली समय तो छात्राओं के लिए बना डाली पोशाक।

Advertisements

चाईबासा:- स्वयं को व्यस्त रखकर रचनात्मक कार्य से सकारात्मक सोच का सृजन स्वत: हो जाता है। ऐसे ही झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, नीमडीह की एक शिक्षिका कल्पना गोराई ने कोरोना महामारी काल में स्वयं को व्यस्त रखकर जरुरतमंद बच्चियों के लिए पोशाक बना डाला।कोरोना महामारी काल में प्राथमिक व मध्य विद्यालय बंद है। ऐसे में शिक्षक शिक्षिकाओं की पठन-पाठन का कार्य तकरीबन ठहर सा गया है।

Advertisements
Advertisements

हालांकि ऑनलाइन पढ़ाई चालू है,लेकिन सरकारी स्कूलों के ज्यादातर बच्चों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं रहने से ऑनलाइन क्लास संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में शिक्षक- शिक्षिकाओं का विद्यालयीय कार्य के बाद खाली बीत रहा है। इस खाली समय में दिलो दिमाग में कई रचनात्मक विचार का सृजन होना लाजिमी है। शिक्षिका कल्पना गोराई जैसे संवेदनशील व्यक्तित्व एवं रचनात्मक कार्यों में रुचि लेने वाले हों तो स्वाभाविक है कि अपने अंदर पल रही कला स्वत: बाहर निकल ही जाती है। अपने विद्यालय में लोकप्रिय शिक्षिका के रूप में पहचान बनाई हुई कल्पना की भावनाएं गरीब बच्चों के प्रति हिचकोले लेती रही हैं। अपनी भावनाओं को इन गरीब बच्चियों के बीच व्यक्त करने का तरीका भी काफी नायाब है। इसमें उनका सिलाई-बुनाई का शौक बड़ा सहयोगी साबित होता है और अपने पुराने कपड़ों से बच्चियों के लिए रंग-बिरंगे पोशाक बनाती हैं।

See also  केवल टाउन स्थित नव निर्मित लक्ष्मी नारायण मंदिर से निकली भव्य कलश यात्रा, 7 जुलाई को प्राण प्रतिष्ठा

You may have missed