आईएएस पूजा सिंघल का रुतबा हर सरकार में बरकरार, मुख्यमंत्री से लेकर व्यवसायी और मीडिया मैनेजमेंट तक की चैंपियन है आईएएस पूजा सिंघल,ED के छापे में अब तक 25 करोड़ नगद समेत 300 करोड़ की संपति का दस्तावेज भी मिला,
रांची :- प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का सामना कर रहीं झारखंड की वरिष्ठ आईएएस पूजा सिंघल CM से लेकर व्यवसायी और मीडिया मैनेजमेंट तक की चैंपियन हैं। पूजा सिंघल वर्ष 2000 बैच की झारखंड कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं। अब तक वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं। झारखंड में सत्ता चाहें किसी भी दल की रही हो, पूजा सिंघल अधिकांश समय सत्ता के बेहद नजदीक रही हैं। मौजूद सरकार में वह एक साथ 3 अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दे रही हैं। वो खनन और उद्योग विभाग की सचिव रहने के साथ-साथ झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (जेएसएमडीसी) की चेयरमैन हैं। एक ही अधिकारी के तीन पदों पर नियुक्ति को भूमि सुधार मंच नाम की संस्थान ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
ज्ञात हो कि अवैध खनन मामले में ED ने शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे देशभर में छापेमारी की है। यह कार्रवाई झारखंड की सीनियर IAS अधिकारी पूजा सिंघल और उनसे जुड़े सत्ता के करीबी व्यक्तियों के 20 ठिकानों पर की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने एक साथ झारखंड के रांची, धनबाद, खूंटी, राजस्थान के जयपुर, हरियाणा के फरीदाबाद व गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर और दिल्ली-NCR में छापे मारे हैं।
सिंघल के CA सुमन कुमार ने माना है कि 17 करोड़ रुपए कैश उनके हैं, जिन्हें वो अगले फाइनेंशियल ईयर में दिखाने वाले थे। हालांकि, मीडिया के सवालों का वो सीधा-सीधा जवाब नहीं दे पाए। सुमन ये भी बताने में असमर्थ थे कि इतनी बड़ी राशि उनके पास कहां से आई और घर पर उन्होंने इतनी राशि क्यों रखी थी?
बता दें, IAS पूजा सिंघल के पति अभिषेक के आवास पर भी छापेमारी चल रही है। IAS अधिकारी राहुल पुरवार से तलाक के बाद पूजा सिंघल ने अभिषेक से शादी की थी। सुबह से चले छापेमारी में अब तक कुल 25 करोड़ नगद एवं 300 करोड़ रुपए के निवेश का कागजात मिला है । नोट इतना ज्यादा मिला है कि अधिकारियों के छक्के छूट गए। इसके अलावे कई कंप्युटर, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव इत्यादि भी जब्त किए गए है ।
ED ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ED ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपए के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थीं।
पूजा सिंघल पहले से ही विवादों में रहीं हैं। प्रदेश में रघुवर दास की सरकार के समय “उड़ने वाले हाथी” की खोज में इनकी खास भूमिका बताई जाती है। पूर्व की सरकार ने इसे राज्य के विकास के प्रतीक के रूप में खूब प्रचारित-प्रसारित किया था। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अमूमन हर सप्ताह सूचना भवन में जनसंवाद का आयोजन करते थे। उस दरम्यान फरियादी सीधे आकर उनसे गुहार लगाता था। एक दिन एक फरियादी आया था धनबाद से। उसने बताया कि धनबाद मार्केटिंग बोर्ड में दुकान है उसकी। अधिकारी पैसे मांगता है।बताता है कि ऊपर तक जाता है पैसा। कोई मैडम हैं रांची में पूजा सिंघल उनको भी पैसा पहुंचाना पड़ता है। यह संयोग था कि पूजा सिंघल उस फरियादी के एकदम बगल में उस वक्त बैठी थीं। सिंघल उस समय कृषि विभाग की सचिव थी। जब उस बुर्जुग ने अपनी बातें रखी तो पूरा कक्ष ठहाके से गूंज उठा। थोड़ी देर के लिए रघुवर भी शांत हो गए। पूजा सिंघल फर्श पर इस कदर देख रही थी, मानों धरती फट जाए और वह उसमें समा जाए।
पूजा सिंघल पर आरोप है कि उन्होंने दो NGO को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। इन दोनों NGO में वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन शामिल है। यह राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी, जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है।
इसके अलावा पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है। ED ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले की भी जांच जारी है।
झारखंड में रघुवर दास की सरकार बदल गई। हेमंत सोरेन नए मुख्यमंत्री बन गए लेकिन सत्ता का समीकरण साधने में महारत रखने वाली पूजा सिंघल अपनी पदस्थापना के जरिए पहले से और अधिक प्रभावशाली हो गईं। पूजा सिंघल ने पहले आइएएस अधिकारी राहुल पुरवार से शादी की थी। पारिवारिक विवाद में तलाक के बाद पूजा सिंघल ने अभिषेक से शादी की। अभिषेक रांची में पल्स अस्पताल का संचालन करते हैं।
ईडी की छापेमारी से झारखंड के आइएएस लॉबी में काफी हड़कंप मचा हुआ है।