झारखंड में कितना दहाड़ सकेंगे झारखंड टाईगर चंपाई सोरेन
सरायकेला । सरायकेला विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके झारखंड टाईगर चंपाई सोरेन को लेकर यह बात हो रही है कि आखिर वे इस बार की चुनाव में भाजपा की टिकट पर कितना दहाड़ सकेंगे. इसके पहले तक वे झामुमो की टिकट पर दहाड़ा करते थे, लेकिन अब वे ठीक विपरीत पार्टी में शामिल हो गए हैं. उनकी तो प्रतिष्ठा ही दाव पर लगी हुई है. पहले भी उनका मुकाबला गणेश महाली से हुआ करता था और इस बार भी झामुमो की ओर से गणेश महाली को टिकट दिया गया है. गणेश महाली पहले भाजपा में थे, लेकिन चंपाई सोरेन के कारण उन्होंने भाजपा छोड़ दी और झामुमो का दामन थाम लिया है.
चंपाई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने के बाद सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि बेटा बाबूलाल सोरेन और खरसावां सीट पर अपने ही करीबी को टिकट दिलाने का काम किया है. ऐसे में उनके लिए तीनों सीट पर जीत जरूरी है. अगर वे तीनों सीट निकाल लेते हैं तब उनकी भाजपा में पैठ मजबूत हो सकती है.
वर्ष 2019 के चुनाव में गणेश महाली काफी कम वोट से चुनाव हार गये थे, लेकिन इस बार वे पूरी तैयारी कर झामुमो में शामिल हुए हैं. इस बार उन्हें झामुमो का साथ मिल रहा है.
चंपाई पुत्र बाबूलाल सोरेन की बात करें तो उन्होंने घाटशिला विधानसभा में अच्छी पैठ बनाई है. यह पैठ उन्होंने दो दशकों से बनाई है. बाबूलाल पिछले दो दशक से चुनाव लड़ने को आतुर हैं, लेकिन पार्टी की ओर से उन्हें टिकट नहीं दी जा रही थी. अब जबकि चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हो गए हैं, तब बेटा को भी टिकट दिलवाने में सफल हो गए हैं.