कैसे 120 फीट की होर्डिंग मुंबईकरों के लिए बुरा सपना बन गई? घाटकोपर की पूरी कहानी…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- मुंबई के घाटकोपर इलाके में 120 फीट ऊंची होर्डिंग गिरने से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 70 से ज्यादा लोग अभी घायल हैं। इस मामले में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने होर्डिंग लगाने वाली एजेंसी को नोटिस जारी किया है। दूसरी तरफ बीएमसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह अधिकतम 40×40 वर्ग फीट के आकार की होर्डिंग की अनुमति देती है।

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मुंबई। मुंबई के घाटकोपर इलाके में 120 फीट ऊंची होर्डिंग गिरने से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 70 से ज्यादा लोग अभी घायल हैं। इस मामले में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने होर्डिंग लगाने वाली एजेंसी को नोटिस जारी किया है।

दूसरी तरफ बीएमसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह अधिकतम 40×40 वर्ग फीट के आकार की होर्डिंग की अनुमति देती है। हालांकि, जो अवैध होर्डिंग गिरा है, उसका साइज 120×120 वर्ग फीट था, यानी की ये होर्डिंग लगभग 15000 वर्गफीट का था।

बीएमसी के मुताबिक, घाटकोपर इलाके में अवैध निर्माण का यह कोई अलग या पहला मामला नहीं है। बीएमसी ने पाया कि घाटकोपर होर्डिंग के लिए जिम्मेदार विज्ञापन एजेंसी एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने नागरिक निकाय से आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना क्षेत्र में आठ अतिरिक्त होर्डिंग्स लगाए थे।

बीएमसी ने एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर अनाधिकृत होर्डिंग तोड़ने का निर्देश दिया है। यह पता चला है कि जिन जगहों पर ये होर्डिंग्स अवैध रूप से लगाए गए थे, वे बीएमसी अधिनियम, 1888 की धारा 328 का उल्लंघन करते हुए गृह विभाग और महाराष्ट्र राज्य पुलिस आवास कल्याण निगम के स्वामित्व के तहत पंजीकृत हैं। लेकिन इस कहानी में और भी बहुत कुछ है। यहां आपको ‘हत्यारी होर्डिंग्स’ के बारे में जानने की जरूरत है।

घाटकोपर में होर्डिंग्स ने नियमों का उल्लंघन किया है। अधिकारियों ने होर्डिंग्स लगाने के लिए जिम्मेदार विज्ञापन एजेंसी एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसमें शामिल जमीन मालिकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की योजना बनाई है।

बीएमसी द्वारा सोमवार शाम को जारी एक नोटिस के अनुसार, यह होर्डिंग रमाबाई नगर में लगाए गए आठ होर्डिंग्स में से एक थी। एक वकील प्रणव बधेका ने कहा कि मामले में जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है वे ‘ईश्वर के कृत्य’ का दावा नहीं कर सकते

बता दें कि भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने 2 मई को अनधिकृत होर्डिंग्स के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद जवाब में बीएमसी ने जीआरपी को सूचित किया था। बीएमसी ने सभी परमिट रद करने और होर्डिंग्स को हटाने का अनुरोध किया था। जीआरपी ने 2021 में विज्ञापन एजेंसी को अनुमति दी थी।

उस समय जीआरपी एसीपी (एडमिन) ने 2021 में एजेंसी को पत्र लिखकर कहा था, “डिस्प्ले बोर्ड की संरचनात्मक स्थिरता, संरचना को अच्छी स्थिति में बनाए रखने और यदि इससे कोई नुकसान या क्षति होती है तो एजेंसी पूरी तरह से जिम्मेदार होगी। क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों को देखते हुए लापरवाही के लिए एजेंसी जिम्मेदार होगी।”

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने राजावाड़ी अस्पताल का दौरा किया जहां होर्डिंग गिरने की घटना से घायल लोग भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि यह ‘सिर्फ एक दुखद घटना नहीं बल्कि हत्या है।’ उन्होंने कहा, “एनओसी का पालन नहीं करने वाले व्यक्तियों की लापरवाही दोषी है… निश्चित रूप से उस व्यक्ति की लापरवाही है, जिसने बिलबोर्ड के लिए एनओसी दी थी…और इससे भी बड़ी लापरवाही उन लोगों की है, जिन्होंने एनओसी के नियम व शर्तों का पालन नहीं किया है।”

 

 

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