कोरोना का नए कप्पा वायरस लोगों के लिए कितना है खतरनाक

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नई दिल्ली: पूर देश कोरोना की दूसरी लहर के कारण हुए लॉकडाउन से धीरे-धीरे बाहर निकल रहे हैं और टीकाकरण की गति में भी तेजी आई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वायरस के अधिक संक्रमणीय रूप सामने आए हैं, डेल्टा वेरिएंट सबसे अधिक पुरे देश के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. यह वायरस सबसे पहले भारत में अक्टूबर माह में रिपोर्ट किया था और तब ये पुरे विश्व में 100 से भी अधिक देशों में फैल गया है.

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इसी बीच भारत में कोविड के नए वेरिएंट का वायरस का पता चला है. उस वेरिएंट का वायरस का नाम कप्पा वायरस है. इस वायरस से संक्रमित दो नए मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में 109 सैंम्पल की जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान इसका पता चला था. कोविड के कप्पा वेरिएंट से पॉजिटिव हुए रोगियों में से एक, यूपी के संत कबीर नगर के 66 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, जिससे लोगों में दहशत पैदा हो गई है.

कोविड का कप्पा वेरिएंट म्यूटेशन के बी.1.617 कॉन्टस्टेलेशन से जुड़ा हुआ है. इस वेरिएंट का पता पहली बार भारत में ही पाया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई के अंत में इस वेरिएंट को कप्पा का नाम दिया. इस वेरिएंट में एक दर्जन से ज्यादा म्यूटेशन पाए गए हैं, जिनमें से दो की पहचान की गई है. इसे कप्पा वेरिएंट को “डबल म्यूटेंट” भी कहा जा रहा है.

कोरोनोवायरस जीनोम का एक विश्वव्यापी डेटाबेस रखने वाले म्यूनिख स्थित GISAID के अनुसार, भारत ने अब तक 3,693 कप्पा सैम्पल जमा किए हैं. यह दुनिया में सबसे बड़ी संख्या है. पिछले 4 हफ्तों में, भारत में इस वेरिएंट के 2 सैंम्पल लिए गए थे.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि कोवैक्सिन कप्पा के साथ-साथ कोरोनावायरस के बीटा और डेल्टा वेरिएंट के लिए भी प्रभाव शाली तरीके से काम करता है.

डेल्टा दुनिया भर में एक खतरे के रूप में उभरा है क्योंकि दुनिया में वर्तमान में ज्यादातर कोविड-19 मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं. भारत में महामारी की दूसरी लहर भी डेल्टा वेरिएंट के कारण थी. डेल्टा प्लस नामक डेल्टा का एक और म्यूटेंट अब भारत सहित कई देशों में उभरा है.

 

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