टाटा-बादामपहाड़ स्टेशन के बीच रेलवे लाइन किनारे बसे लोगों का उजड़ेगा आशियाना, रेलवे भेज रही नोटिस

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जमशेदपुर । टाटा से लेकर बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन तक एक बार फिर से रेलवे की ओर से दोहरीकरण की प्रक्रियाओं को मूर्त रूप देने की योजना बनाई गई है. इसको लेकर सबसे पहले अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर खाली करवाने की योजना है. इसके तहत रेलवे की ओर से परसुडीह के झारखंड नगर के 180 लोगों को नोटिस दी गई है. नोटिस में मकान खाली करने का समय दिया गया है. इसके बाद रेलवे की ओर से कब्जा हटाओ अभियान का भी शुल्क वसूल किए जाने की तैयारी है. झारखंड नगर के साथ-साथ आस-पास के लोगों को भी नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप है. उनका कहना है. 50 साल से भी ज्यादा समय से वे निवास कर रहे हैं. ऐसे में उनके आशियाने को तोड़ना कहीं से भी जायज नहीं है. अगर रेलवे की ओर से कब्जा हटाना है तो पहले उन्हें बसाने का काम किया जाए. जब रेलवे की ओर से तोड़ना ही था तब उन्हें बसने ही क्यों दिया गया.

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परसुडीह के मकदमपुर रेलवे लाइन के आस-पास अवैध रूप से बने मकानों को भी रेलवे की ओर से नोटिस दी गई है. नोटिस मिलने के बाद लोग रेलवे के खिलाफ भड़के हुए हैं. वे विधायक और सांसद से अपने आशियाने को टूटने से बचाने की मांग भी कर रहे हैं

झारखंड नगर और इसके आस-पास के ईलाके में 2007 में भी बुल्डोजर चलाया गया था. तब यह कहा गया था कि पुरी के लिए रेलवे लाइन बिछायी का काम किया जाएगा. तब झारखंड सरकार में पूर्व भू-राजस्व मंत्री के रूप में दुलाल भुइयां थे. उन्होंने खुद मौके पर पहुंचकर गरीबों के आशियाने को उजड़ने से रोका था. इसके बाद दुलाल भुइयां ने टाटानगर के एरिया मैनेजर को अपने भुइयांडीह आवास पर बुलाया था और अभियान पर हर हाल में रोक लगवाने का निर्देश दिया था. तब एरिया मैनेजर ने वरीय अधिकारियों को यह जवाब भेजा था कि झारखड सरकार मदद नहीं कर रही है.

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